भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत, डोटासरा और जूली पर किया कड़ा प्रहार, बोले, 'गहलोत और कांग्रेसी नेता छात्रसंघ एवं निकाय चुनाव, बेरोजगारी और स्मार्ट मीटर पर जनता को कर रहे है गु

Edited By Chandra Prakash, Updated: 24 Aug, 2025 07:14 PM

bjp leader rajendra rathore attacked gehlot dotasara and julie

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेसी नेता अपना जनता के बीच अपना जनाधार खो चुके है। कांग्रेसी नेता सिर्फ नोटंकी कर रहे है। भाजपा सरकार...

जयपुर, 24 अगस्त 2025। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेसी नेता अपना जनता के बीच अपना जनाधार खो चुके है। कांग्रेसी नेता सिर्फ नोटंकी कर रहे है। भाजपा सरकार के 20 माह के कार्यकाल में किसी विषय पर ना तो कांग्रेस प्रदर्शन कर पाई, ना ही उनके किसी धरने प्रदर्शन में संख्या बल सैंकड़े तक पहुंच पाया। अब वे सोशल मीडिया और मीडिया में सुर्खियां बटौरने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। कांग्रेसी के इन नेताओं ने जनता को गुमराह करने के लिए छात्रसंघ चुनाव, बेरोजगारी, पंचायती चुनाव और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दे उठा रहे है। गहलोत अपनी नाकामयाबी का ठिकरा भजनलाल सरकार पर फोड़ना चाहते है। राठौड़ ने कहा कि गहलोत साहब विधानसभा की कार्यवाही को नजरअंदाज कर रहे है, पायलट विधानसभा की कार्यवाही में केवल औपचारिता पूरी कर रहे है, और डोटासरा ने पिछले सत्र को स्वघोषित स्थगित करते हुए विधानसभा की गरिमा को तार-तार करने का कार्य किया। ऐसे कांग्रेसी नेताओं को विचार-विर्मश करने की जरूरत है। 

राठौड़ ने कहा कि यह विडंबना ही है कि छात्रसंघ चुनाव गहलोत के कार्यकाल में ही बंद हुए और वे इसका ​ठिकरा भाजपा पर फोड़ रहे है, बेरोजगारी मामले में राजस्थान के हालात गहलोत साहब ने क्या किए, प्रदेश की जनता जानती है। गहलोत और डोटासरा ने मिलकर प्रतियो​गी परीक्षाओं में पेपरलीक के रिकॉर्ड बनाए। कांग्रेस के समय राजस्थान में बेरोजगारी की दर 32.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। वहीं पंचायती राज चुनाव को लेकर अनर्गल बोलने वाले गहलोत साहब भूल गए कि उनके कार्यकाल में 23 माह तक अलग—अलग चरणों में पंचायत एवं निकाय चुनाव करवाए गए थे। ऐसे में यह स्पष्ट है कि गहलोत अपनी नाकामयाबी भाजपा पर थोपना चाहते है। 

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के समय दिव्यांग क्षेणी तक में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। 43 दिव्यांगों की नौकरी पर 37 अयोग्यजनों ने हक मारने का काम किया। कोई अंधा बनकर नौकरी कर रहा था, तो कोई बहरा बनकर नौकरी कर रहा था। इतना ही नहीं, गहलोत की सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्ड तक पेपरलीक मामले में संलिप्त पाए गए। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। वहीं 20 माह की भजनलाल सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पूर्णतया पारदर्शिता रखते हुए 280 से अधिक परीक्षाओं का सफल आयोजन करवाया। गहलोत सरकार में अपराध के मामले में जहां राजस्थान टॉप पर था, वहीं भजनलाल सरकार ने अपराधियों की कमर तोड़ने का काम किया। प्रदेश की कानून व्यवस्था पहले की तुलना में काफी सुदृढ़ और मजबूत हुई है। 

राठौड़ ने कहा कि गहलोत साहब स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध कर रहे है, जबकि गहलोत सरकार के समय ही राजस्थान डिस्कॉम द्वारा प्रदेशभर में 5.50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगा​ दिए गए थे। मैं प्रताप सिंह खाचरियावास से पूछना चाहता हूं​ कि आज स्मार्ट मीटर का विरोध करने वाले उस समय गहलोत का विरोध क्यों नहीं कर पाए। गहलोत ने अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में 2019 में ही स्मार्ट मी​टरिंग करने के लिए कार्यादेश जारी कर दिए थे। गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के चलते 2018—23 में डिस्कॉम पर 88 हजार करोड़ से अधिक का कर्जा हो गया था। जबकि भजनलाल सरकार ने फरवरी 2024 से तकनीकी एवं वित्तीय निविदाएं खोलकर कार्यादेश जारी किया और अप्रैल 2025 से स्मार्ट मीटर स्थापित करना शुरू किया। अब तक प्रदेश में जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में करीबन 3 लाख 48 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर इंस्टॉल कर दिए गए है। 
 

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