Edited By Raunak Pareek, Updated: 13 Dec, 2024 05:24 PM
राज्य सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित हो रहे जिलेवार कार्यक्रमों के दौरान जयपुर में प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल ने इस पहल की जानकारी दी।
राजस्थान में निवेशकों और प्रवासी राजस्थानियों के लिए राज्य सरकार एक नई पहल शुरू करने जा रही है। इन लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करने पर राजस्थान आने की जरूरत न पड़े, इसके लिए राज्य सरकार हर राज्य में प्रवासी केन्द्र खोलने की योजना बना रही है। ये केन्द्र एंबेसी के रूप में कार्य करेंगे, जहां प्रवासी राजस्थानियों को अपनी सरकार से जुड़ी किसी भी समस्या को दर्ज करवा सकते हैं और उसका समाधान करवा सकते हैं।
राज्य सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित हो रहे जिलेवार कार्यक्रमों के दौरान जयपुर में प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल ने इस पहल की जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन किया था, जिसमें 35 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए थे। अब इन एमओयू को धरातल पर लाने का काम तेजी से किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इन एमओयू करने वाले व्यापारियों और खासकर प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों को किसी भी सरकारी कार्य के लिए राजस्थान आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और इस संबंध में उच्च स्तर पर चर्चा हो रही है। संभावना है कि जल्द ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है।
एंबेसी की तरह काम करेंगे केन्द्र
जोगाराम पटेल ने बताया कि यदि सरकार प्रवासी केन्द्रों को स्थापित करती है, तो इनका संचालन एंबेसी के समान होगा। इन केन्द्रों के जरिए प्रवासी राजस्थानियों को सरकार की योजनाओं और योजनाओं की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, यदि वे निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो वे इन केन्द्रों के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने एक अलग विभाग बनाने की सिफारिश की
इससे पहले, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासियों के लिए एक विशेष विभाग स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था, ताकि इन विभागों के जरिए एमओयू करने वाले प्रवासी राजस्थानियों और अन्य व्यापारियों की समस्याओं का समाधान एक ही जगह किया जा सके।