Edited By Chandra Prakash, Updated: 12 Aug, 2025 04:47 PM

जयपुर के जवाहर कला केंद्र की अलंकार दीर्घा में एक समूह कला प्रदर्शनी “चित्रायन: चित्रों की यात्रा” चार प्रतिभाशाली महिला कलाकारों को एक साथ ला रही है—जहाँ प्रत्येक की अपनी विशिष्ट रचनात्मक पहचान है, फिर भी सभी की जड़ें राजस्थान की सांस्कृतिक मिट्टी...
जयपुर, 12 अगस्त 2025 । जयपुर के जवाहर कला केंद्र की अलंकार दीर्घा में एक समूह कला प्रदर्शनी “चित्रायन: चित्रों की यात्रा” चार प्रतिभाशाली महिला कलाकारों को एक साथ ला रही है—जहाँ प्रत्येक की अपनी विशिष्ट रचनात्मक पहचान है, फिर भी सभी की जड़ें राजस्थान की सांस्कृतिक मिट्टी में गहराई से जुड़ी हैं।
यह प्रदर्शनी प्रकृति, पौराणिक कथाओं और मानवीय भावनाओं को एक रंगीन कलात्मक बुनावट में पिरोती है, जहाँ हर कृति आत्मचिंतन, अभिव्यक्ति और दृश्य कथानक का एक अनूठा अनुभव देती है।
निधि चौधरी – महाराष्ट्र कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, मूलतः नागौर (राजस्थान) से हैं और एक उम्दा लोकसेवक होने के साथ साथ प्रभावी वक्ता, लेखिका और चित्रकार भी हैं । उनकी हाल की कलाकृतियाँ एक गहन व्यक्तिगत एवं सृजनात्मक यात्रा को दर्शाती हैं। वे अब तक भारत भर में 20 प्रदर्शनियों में भाग ले चुकी हैं, और जयपुर में यह उनका पहला प्रदर्शन है।
निकिता तातेड़– एक गृहिणी, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान मोज़ेक और मेश पेंटिंग का अन्वेषण प्रारंभ किया और इसे अपने जुनून में बदल दिया। महाराष्ट्र में रहते हुए भी उनकी जड़ें राजस्थान से जुड़ी हैं, और उनकी कला सांस्कृतिक विरासत तथा आधुनिक दृष्टिकोण का सुंदर संगम प्रस्तुत करती है।
परिधि जैन – मुंबई-स्थित कलाकार और उद्यमी, जिनकी जड़ें गौरवशाली राजस्थानी परंपरा से हैं। अपनी भावनात्मक और दृष्टिगत रूप से प्रभावशाली कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध, वे आत्मचिंतन और संवेदनाओं को अपनी कला में जीवंत करती हैं। रचनात्मक कार्यों और उद्यमिता को संतुलित करते हुए, परिधि ने भारत के समकालीन कला परिदृश्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
शगुन अग्रवाल – पेशे से मनोवैज्ञानिक और बचपन से कलाकार, जो बदलते मानसिक परिदृश्यों को साहसिक दृश्य भाषा में ढालती हैं। अपनी कला और पॉडकास्ट “शेरदिली” के माध्यम से वे व्यक्तिगत और सार्वभौमिक अनुभवों को जोड़ती हैं, और दर्शकों को अपनी कृतियों में स्वयं को खोजने का आमंत्रण देती हैं।
ये सभी कलाकार अपने विश्वव्यापी अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए, ऐसी कलात्मक कथाएँ रचती हैं जो दृष्टिकोण में वैश्विक और जड़ों में स्थानीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पीएचईडी मंत्री के. एल. चौधरी द्वारा किया जाएगा, जिसमें राजस्थान के प्रतिष्ठित कलाकार, प्रशासक एवं जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। दर्शकों को ध्यान, प्रतीकात्मकता से लेकर साहसिक अमूर्त अभिव्यक्ति तक की विविध शैलियों का संगम देखने को मिलेगा—जो प्रत्येक कलाकार की व्यक्तिगत पहचान और उनकी साझा सांस्कृतिक विरासत दोनों को प्रतिबिंबित करता है।
यह प्रदर्शनी कला-प्रेमियों, कला संग्राहकों और आम जनता को जयपुर में सृजनात्मकता और संबंधों की इस अनूठी यात्रा में शामिल होने का हार्दिक निमंत्रण देती है।