एलआईसी को सेवा में कमी का दोषी ठहराया, अदालत ने 25 लाख बीमा क्लेम देने का आदेश दिया

Edited By Sourabh Dubey, Updated: 28 Jul, 2025 01:39 PM

ajmer court orders lic to pay 25 lakh claim

स्थायी लोक अदालत, अजमेर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए बीमा धारक के परिजन को 25 लाख रुपये का बीमा क्लेम और 10,000 रुपये मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।

अजमेर। स्थायी लोक अदालत, अजमेर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए बीमा धारक के परिजन को 25 लाख रुपये का बीमा क्लेम और 10,000 रुपये मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।

यह मामला रामगंज अजमेर निवासी शशांक सिंघल द्वारा दायर किया गया था। शशांक ने अपनी दिवंगत मां निधि सिंघल की बीमा पॉलिसी पर दावा किया था। निधि सिंघल ने 28 मई 2021 को एलआईसी से 25 लाख की जीवन बीमा पॉलिसी ली थी। 24 जुलाई 2023 को उनकी मृत्यु लिवर से संबंधित बीमारी (पीलिया) से हुई।

बीमा क्लेम फाइल करने पर एलआईसी ने 30 अक्टूबर 2023 को क्लेम को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि निधि सिंघल ने बीमा फॉर्म में पूर्व में हुए यूटरस रिमूवल ऑपरेशन (जून 2020) की जानकारी नहीं दी थी, जो एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय तथ्य था।

शिकायतकर्ता के वकील अमित गांधी ने अदालत में तर्क दिया कि निधि सिंघल की मृत्यु लिवर की बीमारी से हुई थी, और इसका यूटरस ऑपरेशन से कोई संबंध नहीं था। इस आधार पर उन्होंने आरोप खारिज करने की मांग की।

स्थायी लोक अदालत ने एलआईसी को सेवा में कमी का दोषी माना और निर्देश दिया कि वह 25 लाख रुपये बीमा राशि ब्याज सहित और 10,000 रुपये मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करे।

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