Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Sep, 2024 05:16 PM
जोधपुर में एक डॉक्टर के साथ बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है । दरअसल, जोधपुर की एक महिला डॉक्टर के साथ साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 87 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे डाला । हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन...
जोधपुर, 20 सितंबर 2024 । प्रदेश में ऑनलाइन ठगी, साइबर ठगी सहित डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं ने पुलिस की पोल खोल दी है । पुलिस की नाक के नीचे साइबर ठगी करने वाले बदमाश बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं । देश-प्रदेश में साइबर ठगी की बढ़ती वारदातें इस बात का सबूत है कि अब साइबर ठगों में पुलिस का ज़रा भी ख़ौफ नहीं रहा है । ऐसी ही डिजिटल अरेस्ट की इस महीने की दूसरी घटना जोधपुर में देखने को मिली ।
जोधपुर में कैसे हुई महिला डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट की शिकार ?
जी हां जोधपुर में एक महिला डॉक्टर के साथ डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है । अब पूरा मामला क्या है, ये जानने से पहले आइए जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट होता क्या है ? हालांकि इन दिनों देश-प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं लगातार सामने आ रही है । डिजिटल अरेस्ट का मतलब वीडियो कॉल के जरिए किसी को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उसे उसके ही घर में कैद करके मुंह मांगी फिरौती वसूलना होता है ।
इस महीने की दूसरी बड़ी साइबर ठगी की वारदात
अब इस महीने की बड़ी दूसरी साइबर ठगी की बात की जाए तो जोधपुर में एक डॉक्टर के साथ बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है । दरअसल, जोधपुर की एक महिला डॉक्टर के साथ साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 87 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे डाला । हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन प्रदेश में साइबर ठगी की बढ़ती वारदातों को लेकर पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है । कि क्या साइबर मामलों में पुलिस अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है ? क्यों पुलिस बढ़ती हुई साइबर ठगी और ऑनलाइन ठगी की वारदातों पर अंकुश नहीं लगा पा रही हैं ? ये देखने वाली बात है ।
साइबर ठगी में सबसे नया तरीका है डिजिटल अरेस्ट
जोधपुर में हुई महिला डॉक्टर के साथ ठगी की वारदात को लेकर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त वीरेंद्र सिंह ने राठौड़ ने बताया कि साइबर ठगों के द्वारा डॉक्टर महिला को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 87 लाख रुपए की ठगी की गई । फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज जांच में जुट गई है । साइबर ठगों ने सबसे नए तरीके डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से जोधपुर के सुभाष चौक रहने वाली एक डॉक्टर से 87 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया । इस मामले में शातिर ठगों ने अपने आप को क्राइम ब्रांच का बड़ा अधिकारी बताकर महिला से ठगी की ।
साइबर ठग ने पीड़ित महिला को अपने पास एक पार्सल होना बताया
उन्होंने बताया कि शातिर ठगों ने कहा कि आपका एक पार्सल हमें मिला है, जिसमें कई अवैध दस्तावेज के साथ एटीएम और गैरकानूनी ड्रग्स मिला हैं । इसके बाद महिला घबरा गई और घबराहट में जैसा ठग कहता रहा वैसे-वैसे महिला करती रही । महिला डॉक्टर ने बताया कि उसके पास अनजान नंबर से कॉल आया और कस्टम अधिकारी बनकर उससे बात की गई । उसको बताया गया कि उनके पास एक पार्सल मिला है, जिसमें एटीएम कार्ड तथा ड्रग्स मिला है । साथ ही ठग ने अपना नाम प्रमोद अग्रवाल बताया । इस प्रकरण को लेकर उन्होंने उसको मुंबई अंधेरी पुलिस स्टेशन भेजा । ठग के कहे अनुसार उसने किसी को नहीं बताया, साथ ही उस ठग ने महिला को कहा कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो 3 साल की जेल होगी, अगर आप बचना चाहते हैं तो जैसा हम कहे वैसा करते रहिए ।
पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी
ठगों के अनुसार महिला ने अपनी एफडी, जमीन के कागजात, मकान के कागजात सहित सारे कागजात को व्हाट्सएप के जरिए उनको भेज दिए । उसके बाद ठगों ने फिर से उसे कॉल किया और जैसा ठग बता रहा था वैसे-वैसे महिला करती गई । पहले उसने 51 लाख रुपए भेजें । फिर उसने 21 लाख रुपए की एफडी तुड़वाकर पैसे भिजवा दिए । इस तरीके से महिला ने कुल 87 लाख रुपए का अमाउंट तक ठगों के बताए अनुसार महिला भेजती रही । एडीसीपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस महिला को ठगों ने 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा । वहीं महिला जब ठगों के जाल से बची तो फिर उसने अपने किसी रिश्तेदार को एक माह बाद इसके बारे में जानकारी दी । रिश्तेदार के कहने पर कल यानी गुरुवार को रातानाडा थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज करवाया । फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है । आपको बता दें कि यह मामला 31 अगस्त का है, लेकिन महिला ने गुरुवार को थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई ।