Edited By Rahul yadav, Updated: 07 Dec, 2024 05:08 PM
केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इनमें से 9 स्कूल राजस्थान के 7 अलग-अलग जिलों में शुरू किए जाएंगे। जिसमें से राजसमंद और श्रीगंगानगर में 2-2 केंद्रीय विद्यालयों को...
केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इनमें से 9 स्कूल राजस्थान के 7 अलग-अलग जिलों में शुरू किए जाएंगे। जिसमें से राजसमंद और श्रीगंगानगर में 2-2 केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी मिली है। जिसमें श्री गंगानगर के सतराना, श्रीकरणपुर और राजसमंद के राजसमंद शहर और भीम में केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। इसके साथ ही जोधपुर के फलोदी, करौली के हिंडौन सिटी, नागौर के मेड़ता, अलवर के राजगढ़, दौसा के महवा में भी केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। इन नए विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं, और इन्हें 2025-26 के सत्र से छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा।
हर विद्यालय में 960 छात्रों को मिलेगा प्रवेश
केंद्र सरकार ने हर नए केंद्रीय विद्यालय की क्षमता 960 छात्रों तक निर्धारित की है। इसका मतलब है कि इन 85 स्कूलों में कुल 8,640 छात्रों को शिक्षा का लाभ मिलेगा। केंद्रीय विद्यालयों को स्थापित करने का उद्देश्य मुख्यतः सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के कर्मचारियों और अधिकारियों के बच्चों को बेहतर और निरंतर शिक्षा प्रदान करना है। ट्रांसफर की स्थिति में इन बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए केंद्रीय विद्यालयों का नेटवर्क देशभर में तैयार किया गया है।
देश में कुल 1,256 केंद्रीय विद्यालय
इस समय भारत में 1,256 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 3 विद्यालय विदेशों में स्थित हैं। ये स्कूल मॉस्को (रूस), तेहरान (ईरान), और काठमांडू (नेपाल) में संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी विद्यालयों में 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की यह पहल भारतीय शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास है।
राजस्थान में 9 नए स्कूल, कुल संख्या बढ़कर 87 होगी
वर्तमान में राजस्थान में कुल 78 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 90,000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अब 9 नए विद्यालयों के साथ यह संख्या बढ़कर 87 हो जाएगी। ये नए विद्यालय उन क्षेत्रों में खोले जा रहे हैं जहां सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की तैनाती अधिक होती है।
5,872 करोड़ का बजट, भवन और नियुक्तियों पर खर्च
इन नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने 5,872 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। यह राशि स्कूल भवनों के निर्माण, आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था, और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
नए विद्यालयों के लिए प्रिंसिपल और टीचर्स की नियुक्ति
केंद्रीय विद्यालय संगठन के राजस्थान डिप्टी कमिश्नर, डॉ. अनुराग यादव के अनुसार, वर्तमान में राज्य के 78 स्कूलों में करीब 4,000 शिक्षक कार्यरत हैं। इन विद्यालयों में अधिकतर पद भरे हुए हैं। नए स्कूलों के साथ प्रिंसिपल की नियुक्ति तुरंत की जाएगी, और शिक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
मिलिट्री और सिविलियन छात्रों को मिलेगा लाभ
केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए प्राथमिकता सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बच्चों को दी जाती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि इन परिवारों का ट्रांसफर अक्सर होता रहता है, जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। हालांकि, इन विद्यालयों में रिक्त सीटें बचने पर सिविलियन परिवारों के बच्चों को भी प्रवेश दिया जाता है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि हर वर्ग के बच्चों को समान शिक्षा का अवसर मिले।
चलिए अब आपको बताते है एडमिशन की प्रकिर्या आखिर KVS में एडमिशन की क्या है प्रक्रिया
आपको बता दे पहले लोकसभा व राज्यसभा सांसद की सिफारिश पर केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन मिलता था. इसके तहत सभी सांसद केंद्रीय विद्यालयों में दस दस एडमिशन करा सकते थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए सांसद समेत कई कोटे खत्म कर दिए. इसलिए अब केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के लिए आपको किसी के सिफारिश की जरूरत नहीं होगी.
केंद्रीय विद्यालय में पहली से 12वीं कक्षा तक के एडमिशन की प्रक्रिया आमतौर पर फरवरी में शुरू होती है और अप्रैल तक चलती है. एकेडमिक सेशन 2023-24 के लिए प्रक्रिया फरवरी में ही शुरू हुई थी. इसमें पहली कक्षा में एडमिशन ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम से होता है. जिसमें कैटेगरीवाइज वरीयता मिलती है. जैसे कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को सबसे पहले एडमिशन दिया जाता है. इसके अलावा कक्षा दो से 12वीं तक एडमिशन ऑफलाइन मोड में होता है. कक्षा दो और इससे ऊपर की कक्षाओं में एडमिशन के लिए दो प्रक्रिया है. दो से आठवीं तक प्राथमिकता श्रेणी और ऑफ़लाइन लॉटरी प्रणाली के आधार पर होता है. जबकि नौवीं और 11वीं में एडमिशन के लिए टेस्ट होता है. हालांकि साल 2023 में दिल्ली में नौवीं कक्षा में एडमिशन के लिए टेस्ट को हटा दिया गया था. इसकी जगह पर प्राथमिकता वाला नियम लागू कर दिया गया था. जो मां-बाप अपने बच्चे का एडमिशन पहली कक्षा में केंद्रीय विद्यालय में कराना चाहते हैं, उन्हें केवीएस की वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर जाकर फॉर्म भरना होगा. यह फॉर्म फ्री है.
केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता का नियम
सबसे पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों और एक्स सर्विसमैन के बच्चों को मौका दिया जाएगा. केंद्र सरकार के कर्मारियों और एक्स सर्विसमैन के बच्चों को सबसे पहले एडमिशन लेने का मौका दिया जाता है. इसमें उन विदेशी अधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं जो भारत सरकार के इनविटेशन पर डेप्यूटेशन या ट्रांसफर होकर भारत में काम कर रहे हैं. दूसरे नंबर पर प्राथमिकता आटोनॉमस बॉडी/पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स/भारत सरकार के हायर लर्निंग इंस्टीट्यूट में काम कर रहे बच्चों को को मिलती है. इसके बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है. जिस राज्य में केंद्रीय विद्यालय होगा, वहां की पीएसयू और आटोनॉमस बाडी के कर्मचारियों के बच्चों को मौका मिलता है. अन्य कैटेगरी के और विदेशियों के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा.
केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए जरूरी दस्तावेज
1. जन्म प्रमाण पत्र
2. निवास प्रमाण पत्र
3. बच्चे का पासपोर्ट साइज फोटो
4. एससी/एसटी/ओबीसी सर्टिफिकेट (यदि आरक्षित श्रेणी में आते हैं)
5. इडब्लूएस/बीपीएल सर्टिफिकेट (यदि लागू हो)
6. सिंगल गर्ल चाइल्ड हो तो एफिडेविट
7. एम्प्लाई सर्विस सर्टिफिकेट
8. चाइल्ड पैरेंट्स और ग्रैंड पैरेंट्स का रिलेशनशिप सर्टिफिकेट