Edited By Liza Chandel, Updated: 23 Feb, 2025 12:11 PM
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राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों के निलंबन के बाद राजनीतिक गतिरोध बना हुआ है। विपक्षी विधायकों का धरना रविवार को भी जारी रहा, जबकि मंत्रियों के साथ दो दौर की वार्ता असफल रही। कांग्रेस विधायक निलंबन रद्द करने,...
राजस्थान विधानसभा में गतिरोध बरकरार, कांग्रेस विधायकों का धरना जारी
राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों के निलंबन के बाद राजनीतिक गतिरोध बना हुआ है। विपक्षी विधायकों का धरना रविवार को भी जारी रहा, जबकि मंत्रियों के साथ दो दौर की वार्ता असफल रही। कांग्रेस विधायक निलंबन रद्द करने, इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत से माफी की मांग पर अड़े हुए हैं।
सरकार और विपक्ष के बीच तकरार जारी
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, "हमने विपक्षी नेताओं से बातचीत की है। हमारी इच्छा है कि सदन सुचारू रूप से चले, लेकिन कांग्रेस को अपनी हठधर्मिता छोड़नी होगी और अपनी गलती का एहसास करना होगा।"
शनिवार को कांग्रेस ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन किया और पुतले जलाए। अब 24 फरवरी को विधानसभा घेराव की योजना बनाई जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।
विवाद की जड़: इंदिरा गांधी पर टिप्पणी
21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा था कि "2023-24 में आपकी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर योजना का नाम रखा गया था।" इस टिप्पणी पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सदन में हंगामा किया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि "दादी शब्द सम्मानजनक है," लेकिन इस दौरान हंगामा और बढ़ गया। कांग्रेस विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच गए, जिसके चलते कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी।
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर वासुदेव देवनानी ने मंजूरी देते हुए डोटासरा समेत छह विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।
अड़चन कहां आई?
निलंबन का कारण कांग्रेस विधायकों का स्पीकर की टेबल तक पहुंचना और आक्रामक इशारे करना बताया गया। स्पीकर वासुदेव देवनानी इसे सदन की गरिमा का उल्लंघन मानते हैं और चाहते हैं कि पहले गोविंद सिंह डोटासरा माफी मांगें। दूसरी ओर, कांग्रेस पहले मंत्री से माफी मंगवाने पर अड़ी हुई है, जिससे गतिरोध बना हुआ है।
सरकार का रुख: समाधान की कोशिशें जारी
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अगर किसी शब्द पर आपत्ति है, तो उसे कार्यवाही से हटाने के लिए सरकार तैयार है, लेकिन सदन बाधित करना सही नहीं है। 22 फरवरी को देर रात कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के बीच वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, "हम बार-बार विपक्ष से बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि वे हकीकत को पहचानकर विकास में सहयोग करेंगे। वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।"
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "सदन सुचारू रूप से चलाना सरकार की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन जब मंत्री ही विपक्ष जैसा व्यवहार करेंगे तो सदन कैसे चलेगा? अगर 21 फरवरी को मंत्री की टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया जाता, तो उसी दिन मामला सुलझ सकता था।"
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने भी कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सौहार्दपूर्ण वातावरण में चले, लेकिन फिलहाल गतिरोध जारी है।