Edited By Kailash Singh, Updated: 28 Jul, 2025 03:37 PM

उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को अधिक मजबूत एवं यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में राज्य सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है । नवाचारों एवं तकनीक के प्रयोग से यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा को अधिक सुदृढ़...
जयपुर, 28 जुलाई। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को अधिक मजबूत एवं यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में राज्य सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है । नवाचारों एवं तकनीक के प्रयोग से यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा को अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी दिशा में सोमवार को परिवहन भवन में बैरवा ने व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से प्रदेश में संचालित सार्वजनिक सेवा के वाहनों की रीयल टाइम निगरानी एवं यात्री सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह परियोजना प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन यानों जैसे यात्री बस, टैक्सी कैब, मैक्सी कैब वाहन एवं केंद्र या राज्य सरकार द्वारा आदेशित वाहन श्रेणी वाहनों के अवैध सञ्चालन, ओवरलोडिंग एवं अनधिकृत रुट सञ्चालन के नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लाइव लोकेशन ट्रैकिंग एवं पैनिक बटन से बढ़ेगी यात्री सुरक्षा
इस सिस्टम के तहत प्रत्येक सार्वजनिक सेवा वाहन में जीपीएस आधारित डिवाइस लगाकर कमांड एवं कण्ट्रोल सेंटर द्वारा वाहन की लाइव लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। प्रशासनिक निगरानी के लिए इसमें उपलब्ध डैशबोर्ड के माध्यम से वाहन की गति, रुट, स्टॉपेज एवं डिवाइस की कार्यशीलता जैसी जानकारियाँ रियल टाइम में प्राप्त होती है। इसके इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम के तहत संचालित पैनिक बटन से यात्रियों को आपात स्थिति में स्टेट ईआरएसएस (112) द्वारा त्वरित सहायता प्रदान की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा यह पहल विशेष रूप से महिलाओं एवं अन्य संवेदनशील यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। प्रदेश में लगभग 2.5 लाख सार्वजनिक सेवा वाहनों पर यह डिवाइस एवं पैनिक बटन लगाए जाएंगे। वर्तमान में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की 892 बसों में AIS -140 मानक की VLT डिवाइस एवं पैनिक बटन लगाकर VLTS सिस्टम को एक्टिवेट किया जा चुका है।
तकनीक की मदद से होगा यातायात नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने विभाग की ई-डिटेक्शन एप्लीकेशन एवं हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल का भी उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन और आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य में E-Detection System को लागू किया जा रहा है। ई-डिटेक्शन एप्लीकेशन के माध्यम से राज्य के टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की स्वचालित निगरानी की जाएगी। प्रदेश के विभिन्न टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की सूचना टोल प्लाज़ा द्वारा ई-डिटेक्शन एप्लीकेशन पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी। इसके लिए NHAI के 145 और MoRTH के 13 टोल प्लाजा को ऑनबोर्ड किया गया है। टोल प्लाजा से गुजरने वाले जिन वाहनों के दस्तावेज वैध नही पाए जाएंगे, उनके विरूद्ध स्वतः चालान जारी कर दिया जाएगा। प्रथम चरण में ट्रांसपोर्ट श्रेणी के चालान जारी किये जायेंगे, जिसके बाद नॉन-ट्रांसपोर्ट श्रेणी के वाहनों को भी इसमें शामिल किया जायेगा। शत प्रतिशत डिजिटल प्रणाली होने से यातायात नियमों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल के द्वारा वाहनों के फर्जी हाइपोथेकेशन रिमूवल पर रोक लगेगी एवं वाहन स्वामी को घर बैठे हाइपोथेकेशन रिमूवल की सुविधा मिल जाएगी। वाहन स्वामी द्वारा अपने वाहन का ऋण चुकाने पर बैंक से प्राप्त होने वाली एनओसी एवं हाइपोथेकेशन की प्रकिया को आसान किया जा सकेगा। इस अवसर पर परिवहन विभाग की शासन सचिव शुचि त्यागी समेत परिवहन विभाग के अधिकारी तथा कार्मिक उपस्थित रहे।