Edited By Kailash Singh, Updated: 06 Aug, 2025 06:36 PM

उदयपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पेट्रोल टैंकरों से चोरी और मिलावट करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनके पास से टैंकर, पिकअप वाहन और बड़ी मात्रा में अवैध ज्वलनशील...
उदयपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: टैंकरों से पेट्रोल चोरी और मिलावट करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
जयपुर 6 अगस्त। उदयपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पेट्रोल टैंकरों से चोरी और मिलावट करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनके पास से टैंकर, पिकअप वाहन और बड़ी मात्रा में अवैध ज्वलनशील पदार्थ जब्त किया है। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देशानुसार की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खेरवाड़ा अंजना सुखवाल और वल्लभनगर वृताधिकारी राजेंद्र जैन के सुपरविजन में डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रत्नू की टीम और भींडर थानाधिकारी पूनाराम की टीम ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने स्टेट हाईवे 53 पर स्थित भैरूनाथ होटल एवं रेस्टोरेंट, सवना पर छापा मारा। मौके पर पुलिस ने पाया कि आरोपी टैंकर से पेट्रोल निकालकर पिकअप में रखे ड्रमों में भर रहे थे। साथ ही होटल की छत पर रखे ड्रमों से सॉल्वेंट निकालकर टैंकर में भर रहे थे ताकि पेट्रोल की मात्रा में कोई कमी न दिखे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे टैंकर की छत से एल्यूमीनियम सीट के रिवेट/बोल्ट हटाकर पाइप और नोजल की मदद से पेट्रोल निकालते थे। पेट्रोल की जगह वे सॉल्वेंट या केमिकल मिला देते थे। इतना ही नहीं भ्रमित करने के लिए वे टैंकर के जीपीएस को खोलकर पास खड़ी बाइक में रख देते थे ताकि टैंकर की लोकेशन में कोई बदलाव न दिखे। इस तरह चोरी किया गया पेट्रोल वे बाजार भाव से बेच देते थे।
पुलिस ने मौके पर तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान टैंकर चालक राजेन्द्र पुत्र सवजी, खलासी कपिल पुत्र मोतीलाल निवासी सागवाड़ा डूंगरपुर और होटल संचालक राजेन्द्र सिंह पुत्र नाथूसिंह निवासी अखेपुर सलूम्बर के रूप में की गई। मौके से पुलिस ने एक टैंकर, एक पिकअप और अवैध ज्वलनशील पदार्थ से भरे ड्रम जब्त किए हैं। इस मामले में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस सफल ऑपरेशन में डीएसटी और भींडर थाने की 15 सदस्यीय टीम शामिल थी, जिसमें कई पुलिस अधिकारियों और जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।