Edited By Kailash Singh, Updated: 11 Aug, 2025 06:51 PM

भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का कड़ा पहरा और ज्यादा चौकसी—राजस्थान फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 11 अगस्त से 17 अगस्त तक पूरे सात दिनों के लिए ‘ऑपरेशन अलर्ट’ लागू कर दिया है
बीएसएफ का राजस्थान बॉर्डर पर ‘ऑपरेशन अलर्ट’
बीकानेर, 11 अगस्त। भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का कड़ा पहरा और ज्यादा चौकसी—राजस्थान फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 11 अगस्त से 17 अगस्त तक पूरे सात दिनों के लिए ‘ऑपरेशन अलर्ट’ लागू कर दिया है। इस दौरान बीएसएफ के जवानों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, गश्त की आवृत्ति बढ़ेगी, और अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों के साथ दिन-रात पेट्रोलिंग को और सघन किया जाएगा। बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, इस विशेष ऑपरेशन का मकसद सीमा पार से घुसपैठ, हथियारों-नशे की तस्करी, और किसी भी तरह के ड्रोन खतरों को समय रहते रोकना है। सीमा पर जहां-जहां तारबंदी (फेंसिंग) में गैप ज्यादा है, वहां अतिरिक्त फोर्स और निगरानी उपकरण तैनात किए जाएंगे।
सीमा पर नफरी में इजाफा, अधिकारी भी अग्रिम मोर्चे पर
‘ऑपरेशन अलर्ट’ के तहत बीएसएफ मुख्यालय में उपलब्ध सभी नफरी को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भेजा जाएगा। बीएसएफ के अधिकारी खुद अग्रिम चौकियों पर मौजूद रहकर जवानों का मनोबल बढ़ाएंगे और संचालन की निगरानी करेंगे। पेट्रोलिंग न केवल व्हीकल और पैदल गश्त के जरिए होगी, बल्कि ऊंटों के जरिये भी दुर्गम इलाकों तक की निगरानी की जाएगी।
बीएसएफ बीकानेर सेक्टर के डीआईजी अजय लूथरा ने बताया, “सीमा पर ऑपरेशन अलर्ट हमारे वार्षिक सुरक्षा कैलेंडर का अहम हिस्सा है। यह केवल गश्त बढ़ाने की कवायद नहीं, बल्कि एक समग्र ऑपरेशनल एक्टिविटी है जिसमें निगरानी, खुफिया समन्वय, और स्थानीय जनसहयोग शामिल होता है। ड्रोन जैसी नई चुनौतियों को देखते हुए सीमावर्ती गांवों के लोगों को भी सेंसेटाइज किया जा रहा है।”
ड्रोन खतरे और डिजिटल निगरानी पर जोर
हाल के वर्षों में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार और नशा तस्करी के प्रयास बढ़े हैं। ऐसे में बीएसएफ ने सीमावर्ती गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल देने के लिए प्रोत्साहित किया है। ऑपरेशन अलर्ट में अधिक से अधिक डिजिटल गैजेट्स, थर्मल इमेजर्स, नाइट विजन डिवाइस और निगरानी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
इंटेलिजेंस और लोकल पुलिस के साथ समन्वय
बीएसएफ की इंटेलिजेंस विंग इस ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह सक्रिय रहेगी। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस, खुफिया एजेंसियों और गांव के लोगों के साथ तालमेल बनाए रखा जाएगा, ताकि किसी भी संदिग्ध हरकत पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर सेक्टर में भारत-पाक सीमा करीब 1,048 किलोमीटर लंबी है, जिसमें रेगिस्तानी इलाकों, रेतीले टीलों और दूरस्थ गांवों के कारण निगरानी चुनौतीपूर्ण रहती है। गर्मी और मानसून के बीच का समय सुरक्षा दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कुछ इलाकों में हरकतें तेज हो सकती हैं। इसी कारण बीएसएफ हर साल इस अवधि में विशेष ऑपरेशन अलर्ट चलाता है।