भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण: ज्ञान भारतम् सम्मेलन में गजेंद्र सिंह शेखावत का संबोधन

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 11 Sep, 2025 07:49 PM

address of gajendra singh shekhawat in gyan bharatam conference

नई दिल्ली । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत अपने इतिहास के अभूतपूर्व सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है

नई दिल्ली । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत अपने इतिहास के अभूतपूर्व सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। दुर्भाग्यवश, पूर्व में हमारी परंपराओं की उपेक्षा की गई, उन्हें महत्वहीन करार दिया गया, यह उन सरकारों की हीन भावना थी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सदियों पुरानी हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को वह मान-सम्मान मिल रहा है, जिसकी वह सदैव हकदार रही है।

गुरुवार को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय 'ज्ञान भारतम् अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2025' के शुभारंभ पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हीन भावना से मुक्त होकर आत्म गौरव की यात्रा के क्रम में मोदी जी के विजन के अनुरूप यह सम्मेलन आयोजित हो रहा है। हमारा संकल्प है कि हम भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को फिर से खोजेंगे, उसे सहेजेंगे, गहराई से अध्ययन करेंगे और पूरे देश और दुनिया के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अमूल्य धरोहर केवल संग्रहालयों की अलमारियों तक सीमित न रहे, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्रीय गर्व का एक जीवंत स्रोत बने। यह मिशन हमें न केवल हमारे अतीत से जोड़ता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी दर्शाता है, जहां ज्ञान हमारी पहचान और प्रगति का आधार होगा।

शेखावत ने कहा कि मैं यह बात पूरे विश्वास और स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि इस क्षेत्र में भारत किसी का अनुकरण नहीं कर रहा, बल्कि स्वयं नेतृत्व कर रहा है। हम अपनी भारतीय लिपियों के लिए देश में ही विकसित तकनीक अपना रहे हैं। हम अपने भारतीय विद्वानों को इस अभियान से जोड़ रहे हैं और ऐसे आर्थिक और संस्थागत ढांचे तैयार कर रहे हैं, जो इस मिशन को आने वाली पीढ़ियों तक टिकाऊ और प्रभावशाली बनाए रखेंगे। यही है आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना, जो स्वावलंबी भी है, आत्मविश्वासी भी और भविष्य की दिशा में आगे बढ़ती हुई भी। अगर कहीं कोई संदेह है, संसाधनों को लेकर, क्षमता को लेकर या दिशा को लेकर तो मैं पूरे भरोसे से कहता हूं कि हर समस्‍या का समाधान पूरी पारदर्शिता और स्पष्टता से किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी हमारा लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जरिया है। हम एआई, ब्लॉकचेन और डिजिटल आर्काइव्स की मदद से पांडुलिपियों तक पहुंच को सरल बनाएंगे और मेटाडेटा को मानकीकृत कर उनकी ट्रांसक्रिप्शन व ट्रांसलेशन में मदद करेंगे। पारंपरिक संरक्षण की विधियां भी उतनी ही जरूरी हैं, जैसे प्रिवेंटिव स्टोरेज, एंटी-बायोलॉजिकल ट्रीटमेंट्स और स्थानीय सामग्री के संरक्षण का पारंपरिक ज्ञान। हमारी रणनीति इन दोनों पहलुओं का संतुलित संयोजन होगी, जिसमें वैज्ञानिक सटीकता के साथ-साथ सांस्कृतिक संवेदनशीलता भी बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि पांडुलिपियों के संरक्षण एवं डिजिटलीकरण पर केंद्रित इस अतिविशिष्ट आयोजन में 250 से अधिक वक्ता और 200 शोधपत्र भारतीय ज्ञान परंपरा को नई दिशा देंगे।
 

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!