Edited By Kailash Singh, Updated: 10 Jun, 2025 10:39 AM

प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब डराने लगा है। दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रदेश में जयपुर के बाद सर्वाधिक संक्रमित मरीज उदयपुर में है। सोमवार को नए निकले छह संक्रमितों को मिलाकर अब तक उदयपुर में 28 मरीज सामने आ चुके हैं,...
उदयपुर, 10 जून (पंजाब केसरी): प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब डराने लगा है। दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रदेश में जयपुर के बाद सर्वाधिक संक्रमित मरीज उदयपुर में है। सोमवार को नए निकले छह संक्रमितों को मिलाकर अब तक उदयपुर में 28 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से तीन कोविड वार्ड में भर्ती हैं। बाकी अपने—अपने घरों पर उपचार ले रहे हैं। रविन्द्र नाथ मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी टेस्टींग सेन्टर से मिले आंकड़ों के अनुसार सोमवार को कोविड से संक्रमित छह नए मरीज सामने आए। ये सभी मरीज उदयपुर शहरी क्षेत्र के हैं। इससे पहले 22 मरीज कोरोना पॉजीटिव पाए गए। इनमें से तीन मरीजों की हालत खराब होने पर उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया, जबकि बाकी मरीज अपने—अपने घरों पर उपचार ले रहे हैं। उदयपुर संभाग के डूंगरपुर में तीन, प्रतापगढ़ में दो तथा राजसमंद और बांसवाड़ा जिले में भी कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। उदयपुर से ज्यादा कोरोना पॉजीटिव मरीज केवल जयपुर में 144 में हैं। जबकि प्रदेश में दो मरीजों की कोरोना के चलते मौत हो चुकी है।
पीएचसी और सीएचसी पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं
कोरोना मरीजों की संख्या जिले में बढ़ती जा रही है लेकिन अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोनो मरीजों की जांच की सुविधा शुरू नहीं की गई। जबकि पूर्व में जब कोरोना संक्रमण फैला था, तब सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधा थी और प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किट के जरिए भी कोविड की जांच की जाती थी। इधर, चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि कोरोना का जो वेरियंट सामने आ रहा है, वह ट्रीटेवल है। इससे किसी तरह का खतरा नहीं। अभी तक जिन दो मरीजों की मौत हुई, वह पहले से ही गंभीर रोगों से ग्रस्त थे। इसके चलते फिलहाल प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच की व्यवस्था शुरू किए जाने की जरूरत महसूस नहीं की जा रही। यदा—कदा संक्रमण से आशंका वाला मरीज पहुंचता है तो सरकारी मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए रेफर कर दिया जाता है।