Edited By Chandra Prakash, Updated: 03 Aug, 2024 03:56 PM
दौसा जिले के बांदीकुई में शिक्षा के मंदिर में एक ऐसा मामला देखने को मिला है, जहां स्कूल स्टाफ सहित बच्चों ने अवैध कब्जा ध्वस्त करने आई जेसीबी पर पथराव कर दिया । दरअसल स्कूल प्रशासन ने अवैध रूप से रेलवे की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए हुए बैठा था ।...
न्यायालय ने आदेश पर अवैध कब्जा खाली कराने गए तो दादागिरी पर आतुर हुआ स्कूल प्रशासन, बच्चों को किया आगे
दौसा,3 अगस्त 2024( एचएन पांडे) । दौसा जिले के बांदीकुई में शिक्षा के मंदिर में एक ऐसा मामला देखने को मिला है, जहां स्कूल स्टाफ सहित बच्चों ने अवैध कब्जा ध्वस्त करने आई जेसीबी पर पथराव कर दिया । दरअसल स्कूल प्रशासन ने अवैध रूप से रेलवे की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए हुए बैठा था । हालांकि कोर्ट ने अवैध कब्जे को खाली करने के निर्देश तो दे दिए, लेकिन जब प्रशासन अवैध भूमि पर कब्जा हटवाने गया तो स्कूल प्रशासन दादागिरी पर उतर आया । इस दौरान स्कूल स्टाफ ने बच्चों को आगे करते हुए जेसीबी पर पत्थरबाजी कर दी ।
बांदीकुई की सेंट फ्रांसिस स्कूल का मामला
कहते हैं कि शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाता है, इसीलिए हमारे समाज में गुरु का दर्जा भगवान से पहले दिया गया है । लेकिन दौसा के बांदीकुई में एक ऐसी घटना सामने आई, जहां गुरु ही बच्चों गलत को गलत शिक्षा दे रहे हैं । ऐसा ही ताजा मामला बांदीकुई की सेंट फ्रांसिस स्कूल का है । दरअसल स्कूल के स्टाफ ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाया हुआ है । जहां कोर्ट के आदेश के बाद सेंट फ्रांसिस स्कूल द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जेसीबी पहुंची थी । इस दौरान जेसीबी पर स्कूल स्टाफ और बच्चों ने पथराव कर दिया ।
रेलवे की जमीन पर स्कूल ने जमाया अवैध कब्जा
एडवोकेट रमेश सैनी ने बताया कि रेलवे की 0.31 हेक्टेयर भूमि पर सेंट फ्रांसिस स्कूल ने अवैध कब्जा करके आने जाने का रास्ता बंद कर दिया था, मामला 2012 का बताया जा रहा है। जब सेंट फ्रांसिस स्कूल और स्कूल के गार्डन के बीच में रेलवे की जमीन जो आम रास्ता था । उस आम रास्ते पर सेंट फ्रांसिस स्कूल, जहां लगभग 1200 बच्चे पढ़ते हैं । स्कूल ने खुद के गार्डन के साथ मिलाते हुए रास्ते के दोनों तरफ दीवार लगा दी ।
अवैध रूप से कब्जा की भूमि पर आया कोर्ट का बड़ा फैसला
दीवार बनाने के बाद रेलवे ने और वहां से गुजरने वालों ने आपत्ति जताई तो सेंट फ्रांसिस स्कूल ने कहा कि इस दीवार को कुछ दिनों में हटा लेंगे । ऐसे में सेंट फ्रांसिस स्कूल में रेलवे के रास्ते पर बनी इस जमीन को खुद के कब्जे में बताते हुए इस जमीन पर दावा करते हुए स्कूल का स्टाफ न्यायालय पहुंच गया । उधर रेलवे और सेंट फ्रांसिस स्कूल के बीच में यह दावा लगभग 12 साल चला । इस बीच रेलवे ने अपनी भूमि का सीमा ज्ञान करवा लिया । उसमें भी यह साबित हो गया कि जिस जमीन पर सेंट फ्रांसिस स्कूल बांदीकुई ने अवैध कब्जा किया है, यह जमीन लगभग 2 करोड रुपए की है और जमीन का मालिक आना हक रेलवे का है । इसी का फैसला आज 12 साल बाद में आया ।
स्कूल प्रशासन ने रेलवे कार्मिकों से की दादागिरी
जिस पर एडवोकेट राकेश विजय का कहना है कि 12 साल बाद में रेलवे ने अपनी भूमि पर कब्जे के आदेश कोर्ट द्वारा लिए गए हैं, इसी के चलते न्यायालय का फैसला आने के बाद आज उस रास्ते पर बनी दीवार को तोड़ने के लिए पहुंचे तो वहां मौजूद बच्चे और स्कूल के स्टाफ ने जेसीबी पर पथराव किया । साथ ही स्कूल प्रशासन न्यायालय के आदेश के बाद रेलवे के कार्मिकों से दादागिरी करता हुआ नजर आया । इधर न्यायालय के आदेश के बाद और सेंट फ्रांसिस स्कूल की दादागिरी के बीच रेलवे ने आरपीएफ की मौजूदगी में अपनी जमीन पर तारबंदी भी कर दी है ।