Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 15 Jan, 2025 12:42 PM
झालावाड़ । मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने एमएमएस सिस्टम का नया अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति उन्हीं श्रमिकों की लगेगी, जिनकी पलकें झपकेंगी।...
झालावाड़ । मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने एमएमएस सिस्टम का नया अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति उन्हीं श्रमिकों की लगेगी, जिनकी पलकें झपकेंगी। ऐसा नहीं होने पर उपस्थिति कॉलम में श्रमिक की फोटो अपलोड नहीं होगी । मनेरगा में पहले घुंघट की ओट में, पुरूषों के स्थान पर महिलाओं, फोटो के फोटो अपलोड कर फर्जीवाड़ा किया जाता था, कई स्थानों पर मेटों द्वारा किया जाता था, कई स्थानों पर प्रशासन की मिली भगत से फर्जीवाड़ा किया जाता था, इस फर्जीवाड़ा के खेल में सरपंच विकास अधिकारी सहायक अभियंता ग्राम विकास अधिकारी एलडीसी मेंट सभी शामिल थे, नियम के खिलाफ मस्टरोल में मेटों की नियुक्ति विकास अधिकारी के बजाय सरपंच करते थे, विकास अधिकारी मौन रहते थे, मस्टरोल की मॉनिटरिंग नहीं होती थी, कई जगह एवजी मेट मिलते थे। अब नए सिस्टम से एवजी मेट न तो हाजिरी ले सकेंगे और न ही स्वीकृत कार्य से दूसरे कार्य पर हाजिरी ले सकेंगे। सरकार ने प्रदेशभर में मनरेगा कार्यस्थल पर नई एमएमएस व्यवस्था लागू कर दी है। अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी नाप पुस्तिका को जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा। इससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार थमेगा।
मनरेगा विभाग के शासन सचिव की ओर से जारी आदेश में बताया कि एनएमएमएस एप के अपडेटेड वर्जन में मेट को पीओ लॉगिन से पखवाड़ा प्रारंभ होने से पूर्व कार्य आवंटित करना होगा। पीओ लॉगिन से जिस मेट को जो कार्य आवंटित किया गया है, वहीं कार्य उस मेट के पास उपस्थिति लेने के लिए खुलेगा। इससे न तो कार्य पर मेट बदलेगा और न ही मेट किसी दूसरे काम में गड़बड़ी कर सकेंगे। मेट की ओर से उपस्थिति दर्ज करते समय जो फोटो क्लिक की जाएगी, उसमें सामने खड़े श्रमिकों के सिर एप के माध्यम से काउंट होंगे। यदि एप के काउंट हेड और दर्ज की गई उपस्थिति में अन्तर है, तो फोटो सेव नहीं होगी।
आई ब्लिंक किया अनिवार्य
इसी तरह फोटो क्लिक करते समय श्रमिकों की आई ब्लिंक अनिवार्य कर दी गई है। फोटो क्लिक के दौरान सामने उपस्थित श्रमिकों में से किसी एक की भी आई ब्लिंक नहीं हुई तो फोटो अपलोड नहीं हो पाएगी। इससे गड़बड़ी की आंशका नाम मात्र भी नहीं रहेगी। जबकि पहले उपस्थिति दर्ज करने के लिए जियो टैग स्थान दस मीटर तक था। सरकार ने इसमें राहत देते हुए ग्रेवल सडक़, सीसी ब्लॉक सहित कई कार्यों के लिए जीओ टैग से 500 मीटर की दूरी तक से उपस्थिति दर्ज करने की छूट दी है।
अगले पखवाड़े से ई-माप पुस्तिका
राज्य सरकार नरेगा कार्यों में अगले पखवाड़े से ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इससे फर्जीवाड़ा रोकने के साथ काम की पारदर्शिता बनी रहेगी। सरकार ओडिशा, कर्नाटक और त्रिपुरा की तरह राजस्थान में माप पुस्तिका को ऑनलाइन कर ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इसके लिए मस्टरोल की तरह ई-माप पुस्तिका फीड करने का मॉड्यूल उपलब्ध करवा दिया गया है। जिसे अगले पखवाड़े से अनिवार्य किया जाएगा।
इनका कहना हैं
मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से एमएमएस सिस्टम का नया अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया जा रहा है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति उन्हीं श्रमिकों की लगेगी, जिनकी पलकें झपकेंगी। ऐसा नहीं होने पर उपस्थिति कॉलम में श्रमिक की फोटो अपलोड नहीं होगी। सरकार ई-माप पुस्तिका भी लागू करने की तैयारी में हैं। नए सिस्टम से एवजी मेट न तो हाजिरी ले सकेंगे और न ही स्वीकृत कार्य से दूसरे कार्य पर हाजिरी ले सकेंगे। राजेंद्र कुमार निमेष अधिशासी अभियंता नरेगा जिला परिषद झालावाड़