राजस्थान में पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में मदन राठौड़ अपनी भूमिका निभा रहे हैं । मदन राठौड़ को राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के लिए उम्मीदों और संभावनाओं वाले नेता के रूप में देखा जा रहा है । लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन और विपक्ष...
जयपुर,31 अगस्त 2024(विशाल सूर्यकात) । राजस्थान में पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में मदन राठौड़ अपनी भूमिका निभा रहे हैं । मदन राठौड़ को राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के लिए उम्मीदों और संभावनाओं वाले नेता के रूप में देखा जा रहा है । लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन और विपक्ष की संख्या बल के बीच अगामी उप-चुनावों से पहले मिली इस जिम्मेदारी पर पंजाब केसरी टीवी-डिजिटल एडिटर विशाल सूर्यकांत के साथ राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ का बेबाक इंटरव्यू ।
Q. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति और सदस्यता अभियान का ये दौर कैसे देखते हैं, इसे ?
A. हमारे सदस्यता अभियान का चुनाव परिणामों से कोई संबंध नहीं । हमारा लक्ष्य है सभी को सदस्य बनाना, हम इसे एक पर्व के रूप में लेते हैं । हम बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को जोड़ेंगे । पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय ने कहा था कि आज हमारा जो विरोधी है, कल वह हमारा समर्थक बने । आज हमारा समर्थक वो हमारा मतदाता बने । पार्टी को लेकर गलत धारणाओं को खत्म करना, जनता को बताना हम सत्ता में राज के लिए नहीं व्यवस्था के लिए हैं ।
Q. उस दिन राजेन्द्र राठौड़ कहां गए थे, अब ये सब जानना चाहते हैं क्योंकि सार्वजनिक मंच से यह पूछा गया, क्या कहेंगे?
A. देखिए इसे जबरन मुद्दा बनाया गया, जबकि न तो राजेन्द्र राठौड़ जी ऐसा मान रहे हैं और न हम सभी, वे हमारे वरिष्ठ नेता हैं, हमारे कार्यकर्ता हैं । लगातार चुनावी राजनीति में हैं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अच्छा परफोर्मेंस रहा । पार्टी नेतृत्व भी मानता है कि वे प्रभावशाली नेता हैं, हम उनके बारे में कभी सपने में नहीं सोच सकते । मुझे तो छोटे भाई के रूप में संभालते रहे हैं । राधा मोहन दास जी ने भी कोई ऐसी बात नहीं की थी, संबोधन में सभी का नाम लिया, राजेन्द्र जी का भी वरिष्ठता के नाते नाम लिया । हर किसी का एक लहजा होता है, स्वभाव होता है । ऐसा कुछ भी नहीं था, लेकिन विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं था, इसीलिए उन्हें इसे उछाल दिया । उन्हें लग रहा होगा कि कुछ फूट दिखे, मगर ऐसा भाजपा में होता नहीं है ।
Q. चर्चा है कि दिग्गजों के मन की खिन्नता कम नहीं हो रही, चाहे वो किरोड़ी हो, वसुंधरा जी हो, क्या कहिएगा ?
A. देखिए, किरोड़ी जी का जहां तक सवाल है, हमने कहा है कि ये लोकतंत्र है, जिसमें हार-जीत होती रहती है । उनके मन में यह था कि मैं अपना इस्तीफा दे दूं । जिसे हमारे मुख्यमंत्री जी ने भी स्वीकार नहीं किया । हमारी भी उनसे बात हुई थी, हमने कहा कि आपने अपनी बात निभा ली, वचन निभा लिया, अब काम कीजिए, वे वो काम पर लग गए हैं । आपदा की स्थितियों में जनता के बीच पहुंच गए, अब कोई दिक्कत नहीं । वसुंधरा जी ने इस पार्टी को बहुत कुछ दिया है । उन्होंने और उनकी माता जी ने राजस्थान ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के लिए इतना कुछ किया है कि उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता । उनके लिए कोई सपने में भी कुछ गलत नहीं सोच सकता, ये उनकी अपनी पार्टी है । इसीलिए ये सारी चर्चाएं ही हैं, जो राजनीति का हिस्सा है, इसमें दम नहीं ।
Q. राज्यसभा के लिए कई नेताओं में आस थी आपकी पार्टी में, लेकिन मौका नहीं मिला, खासकर वो लोग जो विधानसभा चुनाव जीत नहीं पाए, क्या कहेंगे ?
A. देखिए, हमारी पार्टी का बहुत व्यापक दृष्टिकोण हैं । पंजाब में हमें थोड़ा नुकसान हुआ है उसकी भरपाई तो करनी पड़ेगी । हमें ऐसे ही कार्यकर्ता को मौक़ा देना था जो वहां जाकर व्यापक तरीके से अपनी बात कह सके । उन्हें राज्यसभा भेजा, मंत्री बनाया, इसमें कहां दिक्कत की बात है । ये हमारी व्यवस्था है । वैसे भी राजस्थान से चार सदस्यों को भाजपा ने राज्यसभा में भेजा है । कांग्रेस में तो सिवाय नीरज डांगी के कोई भी स्थानीय नहीं, सोनिया जी, वेणुगोपाल जी जैसे चेहरों को राजस्थान से भेजना पड़ा है, क्या वो चुनाव जीतने में सक्षम नहीं थे ?
Q. उपचुनावों में क्या रणनीति है, कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि सीटें जीतकर दिखाओ ?
A. देखिए, कांग्रेस की आक्रामकता पर क्या कहें, उनके नेता को लगता है कि पासिंग मार्क्स आना ही कामयाबी है । उनके नेता राहुल गांधी को लगता है कि पता नहीं कौनसा गढ़ जीत लिया । हमने प्री पोल एलाइंस बनाया और लोकसभा में बहुमत प्राप्त किया वो 99 पर अटक गए । अब संसद में राहुल गांधी हिंदू और हिंसा दोनों को जोड़ रहे हैं । एक राष्ट्रीय नेता संसद में ये कहे, कितनी गलत बात है । मुझे कांग्रेसियों पर दया भी आती है और क्रोध भी, अपने नेता का ज्ञान क्यों नहीं बढ़ाते ये लोग । लोकसभा चुनावों में भ्रम का सहारा लिया । संविधान बदलने की अफवाहें फैलाई अब सारी परिस्थितियां सबके सामने हैं । राजस्थान में बहुत अच्छा बजट दिया है भजनलाल जी की सरकार ने, जनता में फैला भ्रम भी टूटा है और हमारी केन्द्र औऱ राज्य सरकारों में भी परफोर्मेंस दिख रहा है, इसीलिए उप चुनावों को हम जीतेंगे ।
Q. स्थानीय और क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर क्या रूख़ है, खासकर भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत को लेकर, एक नेता के बयान में चुनौती है तो दूसरे नेता उन्हें साधने की कोशिश करते दिख रहे हैं, क्या कॉन्ट्राडिक्शन हैं ?
A. देखिए, हमारे यहां हम सब सामूहिक निर्णय करते हैं, इसीलिए कॉन्ट्राडिक्शन का तो सवाल ही नहीं है । राजकुमार रोत अपना काम करें, हमें कोई दिक्कत नहीं, अपनी पार्टी चलाएं । हमें उनसे कोई नाराजगी भी नहीं, हम अपना परिवार संभाल रहे हैं, वो अपना काम करें लेकिन हमारा स्पष्ट मत है कि हम हमारे बलबूते पर चुनाव लड़ेंगे । लेकिन मेरी राजकुमार रोत को सलाह है, कि वो समाज को एक करने का काम करें समाज को तोड़ने का षडयंत्र न करें । ऐसे लोगों के हाथों में वो न खेले जो विभेद पैदा करे, समाज में दूरियां नहीं आनी चाहिए । अटल जी ने पहाड़ी बेल्ट के लिए भी सड़क योजना दी, हमारे भैरोंसिंह जी अन्त्योदय योजना चलाई, मोदी जी ने महिलाओं के लिए आरक्षण का एलान किया है । वंचित तबके के लिए कांग्रेस से ज्यादा भाजपा ने काम किया है ।
Q. आपका काउंटर पार्ट कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा आपकी अंदरूनी राजनीति पर रोज कटाक्ष कर रहे हैं, क्या जबाव देंगे उन्हें ?
A. सत्ता की भूख में बौखलाई हुई है कांग्रेस, जैसे बिना पानी के मछली तड़पती है, कांग्रेस के नेता सत्ता के लिए ऐसे तड़प रहे हैं । कांग्रेस सरकार का पिछला कार्यकाल ही देखिए, कैसे पायलट गहलोत की कुर्सी खींचने में लगे रहे । अशोक जी अपने विधायकों को लेकर होटल में बंद रहे । जनता की सुध लेने का तो समय नहीं रहा था कांग्रेस के लोगों के पास, लड़ते ही रहे, निकम्मा,नकारा जैसे शब्द कहते रहे ।
Q. आपने वसुंधरा जी के साथ भी संसदीय सचिव के रूप में नजदीक से काम किया है, अब बतौर अध्यक्ष भजनलाल जी की कार्यशैली देख रहे हैं, क्या कहेंगे इस पर ?
A. देखिए, काम करने का अपना अपना तरीका है, लेकिन सब मिलकर के जन सेवा के लिए लगे हैं । वसुंधरा जी के साथ बहुत कुछ सीखने को मिलता है । भजन लाल जी ने सरकार में आते ही ईआरसीपी योजना को मंजूरी दिला दी । वसुंधरा जी ने योजना बनाई थी, फिर पांच साल पर कांग्रेस सरकार इसे लटकाती रही, हमारे गजेन्द्र जी शेखावत बतौर केन्द्रीय मंत्री बुलाते रहे, लेकिन कांग्रेस सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा बनाती रही । बतौर मुख्यमंत्री बढ़िया काम कर रहे हैं। देखिए सत्ता में आते ही उन्होंने आर्क की स्वीकृति जारी कर दी जो 5 साल तक लटकी रही । वसुंधरा जी के समय में प्लानिंग बनी थी। पिछले 5 साल में उस पर एक कदम आगे नहीं बढ़े, जबकि हमारे गजेंद्र सिंह जी शेखावत बार-बार राजस्थान सरकार को बुलाते रहे, लेकिन मीटिंग्स में भी राजस्थान से सेक्रेट्री तक नहीं भेजा गया । अभी शानदार बजट दिया है । बिजली के मामले में 235 हजार करोड़ का बिजली उत्पादन क्षेत्र में निवेश कम बात नहीं है । उन्होंने यह जो पेयजल योजना है, उनको सुदृढ़ करने की बना ली । सोलर पैनल्स जिसमें सब्सिडी देने की घोषणा कर दी। सोलर पैनल यदि घर-घर में लग जाएंगे तो बिजली घर में पैदा होगी । सोलर से पैदा होगी तो हम बिजली में सर प्लस आ जाएंगे । पिछले सरकार ने बहुत बड़ा अपराध किया था कि जाते-जाते और हमारे प्लांट्स जो थे । कोयला जिसमें डालना था, उसकी जगह लिग्निक डाल दिया । एक कहावत है, कि आप ने जो कर्ज ले लिया, बेटे को चुकाना पड़ता है । पूर्व सरकार ने जो ऐसी सहमति एग्रीमेंट कर दी है तो हमारी सरकार को वो देना ही पड़ा ।
Q. कांग्रेस प्रदेश की कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना रही है. बड़ी मछलियों पर कार्रवाई की बात तो आपकी पार्टी ने भी कही थी. क्या कहेंगे ?
A. कानून-व्यवस्था का मुद्दा हो या पेपरलीक का मुद्दा । जिस तरह से गिरफ्तारियां हो रही हैं, एक्शन हो रहे हैं । जनता उसे देख रही है । सरकारी मशीनरी वही है, लेकिन तरीका अब अलग है । जनता ने प्रशासन के घोड़े का सवार बदला दिया है । जो सवार था वो शिथिल था, हमारा सवार तेजी से उस घोड़े का उपयोग करेगा । तेजी से सारे काम होंगे ।