Edited By Chandra Prakash, Updated: 08 Aug, 2024 08:12 PM
तीर्थ नगरी पुष्कर स्थित देश के 52 शक्तिपीठों में से एक 27वें मणिवैदिक शक्तिपीठ मंदिर में अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात अंजाम दे डाली। चोर मंदिर परिसर में लगे दानपात्र को उठा ले गए और दानराशि निकालने के बाद उन्हें पहाड़ों में फेंक गए । घटना गुरुवार...
अजमेर, 8 अगस्त (दिलीप शर्मा) । तीर्थ नगरी पुष्कर स्थित देश के 52 शक्तिपीठों में से एक 27वें मणिवैदिक शक्तिपीठ मंदिर में अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात अंजाम दे डाली। चोर मंदिर परिसर में लगे दानपात्र को उठा ले गए और दानराशि निकालने के बाद उन्हें पहाड़ों में फेंक गए । घटना गुरुवार रात 1 बजे से सुबह 5 बजे के बीच हुई है ।
मंदिर के व्यवस्थापक ओमेंद्रपुरी ने बताया कि देर रात करीब 1:30 बजे अपने कमरे में सो गए थे। सुबह 6 बजे जब मंदिर के कपाट खोले तो दान पत्र गायब थे। इस पर उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों और पुष्कर पुलिस को सूचना दी। 31 जुलाई को दान पत्र खोले गए थे और इनमें 1 से 7 अगस्त तक की लगभग 5 हजार रुपए की दान राशि रखी हुई थी। चोरों ने दान पात्रों को पुरुहुता पहाड़ी पर ले गए और राशि निकालने के बाद दानपात्रों वहीं फेंक दिया।
चार साल पहले भी हुई थी चोरी
मंदिर के व्यवस्थापक ओमेंद्रपुरी ने बताया कि चार साल पहले भी मंदिर परिसर में चोरी की घटना हो चुकी है । चोर एक किलो वजनी चांदी के छत्र और दान पत्रों की नकदी चुरा ले गए थे, जिसका आज तक खुलासा नहीं हो सका है। वहीं क्षेत्रवासियों ने बताया कि ऐसी घटनाओं से चोरों का हौसला बुलंद है। उन्होंने पुलिस को चोरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने किया मौका मुआयना
पुष्कर थाना प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मंदिर के व्यवस्थापक और क्षेत्रवासियों से पूछताछ की गई है। साइबर टीम की मदद से तकनीकी साक्ष्य भी जुटाए जा रहे है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रही है।
52 शक्ति पीठों में से एक
हिंदू धर्म में शाक्त मतावलंबियों के लिए देश और विदेश में स्थित 52 शक्ति पीठ विशेष धार्मिक महत्व रखते हैं। राजस्थान में पुष्कर के निकट मणिवैदिक शक्ति पीठ इनमे से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ माता सती के कलाई का अग्र भाग गिरा था। नवरात्रि के दिनों में इस स्थल का विशेष धार्मिक महत्व होता है और हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।