Edited By Rahul yadav, Updated: 12 Nov, 2024 02:21 PM
पुष्कर मेला, राजस्थान का सबसे आकर्षक और मशहूर मेला, हर साल लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आता है। 9 नवंबर से 15 नवंबर तक चलने वाले इस मेले को देखने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस मेले में राजस्थानी...
पुष्कर मेला, राजस्थान का सबसे आकर्षक और मशहूर मेला, हर साल लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आता है। 9 नवंबर से 15 नवंबर तक चलने वाले इस मेले को देखने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस मेले में राजस्थानी संस्कृति का सजीव अनुभव होता है, जहां ऊंट की सफारी, स्वादिष्ट राजस्थानी व्यंजन, लोकगीत, और नृत्य का विशेष नज़ारा देखने को मिलता है।
मेले के प्रमुख आकर्षण
भैंसा "अनमोल": सिरसा, हरियाणा से लाया गया यह खास भैंसा मेले में चर्चा का मुख्य केंद्र है। इसकी कीमत 23 करोड़ रुपये है, जो इसे विशेष बनाती है। अनमोल को रोजाना 1500 रुपये के ड्राई फ्रूट्स, 5 लीटर दूध, 4 किलो ताजे अनार, 30 केले, और 250 ग्राम बादाम खिलाए जाते हैं। इसकी विशेष देखभाल के लिए प्रतिदिन उच्च गुणवत्ता का आहार और बॉडी मसाज भी दिया जाता है।
पुंगनूर नस्ल की गाय: भारत की सबसे छोटी ऊंचाई की यह गाय भी इस मेले का एक विशेष आकर्षण है। 17 से 24 इंच लंबी इस गाय की कीमत 2 से 10 लाख रुपये तक है। यह गाय 5 लीटर तक दूध देती है, जिसका मूल्य 1000 रुपये प्रति लीटर तक है। इन गायों को गोद में उठाकर भी आसानी से घूमा जा सकता है, और इनसे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं भी मेले में श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण हैं।
मेले के लिए विशेष ट्रेन सेवा
रेलवे ने पुष्कर मेले को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए अजमेर और पुष्कर के बीच तीन विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया है:
पहली स्पेशल ट्रेन अजमेर से सुबह 9:30 बजे रवाना होती है और 10:40 बजे पुष्कर पहुँचती है। वापसी में, यह ट्रेन दोपहर 12:20 बजे पुष्कर से रवाना होकर 1:30 बजे अजमेर पहुंचती है।
दूसरी स्पेशल ट्रेन दोपहर 1 बजे अजमेर से रवाना होकर 2:15 बजे पुष्कर पहुँचती है। वापसी में, यह ट्रेन शाम 4 बजे पुष्कर से रवाना होकर शाम 5:10 बजे अजमेर पहुंचती है।
13 और 14 नवंबर को एक अतिरिक्त ट्रेन सुबह 11:15 बजे पुष्कर से रवाना होकर दोपहर 12:20 बजे अजमेर पहुंचेगी।
पुष्कर मेला एक ऐसा अनुभव है जो जीवनभर यादगार रहेगा। इस मेले में जाकर आप न केवल राजस्थान की संस्कृति को करीब से देख सकते हैं बल्कि ग्रामीण जीवन, पशु-पक्षियों और विभिन्न परंपराओं का भी अद्भुत अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।