Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 27 Nov, 2024 07:47 PM
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में राजतिलक को लेकर चल रहा लंबे समय से विवाद आखिरकार समाप्त हो गया। बुधवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राजतिलक की रस्म के बाद सिटी पैलेस में धूणी दर्शन कर ऐतिहासिक परंपरा को पूरा किया। विश्वराज 40 वर्षों बाद सिटी पैलेस...
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में राजतिलक को लेकर चल रहा लंबे समय से विवाद आखिरकार समाप्त हो गया। बुधवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राजतिलक की रस्म के बाद सिटी पैलेस में धूणी दर्शन कर ऐतिहासिक परंपरा को पूरा किया। विश्वराज 40 वर्षों बाद सिटी पैलेस पहुंचे, जहां उनके साथ सलूंबर के देवव्रत सिंह रावत, रणधीर सिंह भींडर, और बड़ी सादड़ी के राज राणा समेत पांच लोग मौजूद थे। सिटी पैलेस में धूणी दर्शन के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कड़ी निगरानी रही। सुरक्षा के मद्देनजर सिटी पैलेस के रास्तों पर बैरिकेडिंग और पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
एकलिंगजी के दर्शन और शोक भंग की रस्म
बुधवार सुबह विश्वराज सिंह ने मेवाड़ के कुलदेवता भगवान एकलिंगजी के दर्शन किए। इसके बाद उनके निवास पर परिवार के शोक भंग की रस्म निभाई गई, जिसमें उन्हें रंगीन पगड़ी पहनाई गई। मंदिर में प्रवेश के दौरान विश्वराज के समर्थकों और पुलिस के बीच हल्का विवाद भी हुआ, लेकिन स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में ले लिया गया।
सिटी पैलेस में कड़े सुरक्षा इंतजाम
सिटी पैलेस के गेट बुधवार सुबह भी बंद रहे। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए समोर बाग और आसपास के इलाकों में पुलिस का कड़ा पहरा रहा। धारा-144 के तहत सुरक्षा को बढ़ाकर धारा-163 लागू की गई।
राजपरिवार के विवाद पर आरोप-प्रत्यारोप
सोमवार को हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार को दोनों पक्षों, विश्वराज सिंह और लक्ष्यराज सिंह, ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। लक्ष्यराज ने इस विवाद के लिए सरकार में बैठे एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया, जबकि विश्वराज ने जिला प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इस घटनाक्रम के साथ, मेवाड़ राजपरिवार की परंपरा और विवाद दोनों ही चर्चा का विषय बने हुए हैं।