Edited By Rahul yadav, Updated: 10 May, 2025 12:17 PM

भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से प्रेरणा लेते हुए झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ के सरकारी अस्पताल में तीन नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया है। यह नामकरण न केवल भारतीय सेना के साहसिक अभियान के प्रति सम्मान प्रकट करता है, बल्कि देशभक्ति की भावना से...
नवलगढ़ (झुंझुनूं), राजस्थान: भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से प्रेरणा लेते हुए झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ के सरकारी अस्पताल में तीन नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया है। यह नामकरण न केवल भारतीय सेना के साहसिक अभियान के प्रति सम्मान प्रकट करता है, बल्कि देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इन परिवारों के मजबूत संकल्प को भी दर्शाता है।
बेटा देश की रक्षा करे – माँ की कामना
नवलगढ़ के बेरी गांव की सीमा ने हाल ही में बेटे को जन्म दिया है। उन्होंने कहा, “मेरा सपना है कि बेटा बड़ा होकर देश की रक्षा करे। पहलगाम में आतंकवादी हमले में हमारी मां-बहनों ने अपना सिंदूर खोया। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर आतंकियों को करारा जवाब दिया। इसी बहादुरी से प्रेरित होकर मैंने अपने बेटे का नाम सिंदूर रखा है।”
सीमा की बुआ सास दीपा सैनी ने भी कहा कि जब पोता बड़ा होगा, तो उसे सेना में भेजेंगी। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री द्वारा देश के दुश्मनों के खिलाफ चलाए गए इस ऑपरेशन का नाम हर भारतीय को गर्व महसूस कराता है।
अन्य परिवारों की भी यही भावना
झाझड़ गांव की संजू ने चार दिन पहले बेटे को जन्म दिया और उन्होंने भी उसका नाम ‘सिंदूर’ रखा है। वहीं कसैरू गांव की कंचन ने अपनी बेटी का नाम 'सिंदूर' रखा। कंचन कहती हैं, “यह नाम भारतीय सेना के साहस और शौर्य का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर ने देश को गर्व करने का मौका दिया है।”
अस्पताल स्टाफ भी गर्वित
अस्पताल की नर्सिंगकर्मी संपत, जो स्वयं फौजी परिवार से हैं, ने बताया कि “तीन महिलाओं की डिलीवरी के दौरान उनके परिवारों ने बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ रखा। यह देखकर गर्व होता है कि परिजन चाहते हैं कि बच्चे बड़े होकर देश के लिए कुछ करें।”
डॉक्टरों की राय
डॉ. जितेंद्र चौधरी ने कहा कि यह कदम लोगों की देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। अब झुंझुनूं के लोग भी इस साहसिक कार्य में भावनात्मक रूप से जुड़ गए हैं।”
नवजातों के नाम में देशभक्ति की झलक
यह घटना केवल नामकरण नहीं, बल्कि एक संदेश है – कि देश का हर नागरिक, हर माँ-बाप, देश की रक्षा के लिए तैयार है। आने वाली पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से पोषित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है उन वीरों को जिन्होंने अपना सब कुछ भारत माता के चरणों में अर्पित किया।