Edited By Rahul yadav, Updated: 26 Dec, 2024 02:25 PM
एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल की समीक्षा समिति ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समिति ने परीक्षा को रद्द करके उन्हीं अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा...
एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल की समीक्षा समिति ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समिति ने परीक्षा को रद्द करके उन्हीं अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट कुछ दिनों पहले ही सौंपी गई थी, लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है। गृह विभाग ने यह रिपोर्ट कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को भी भेजी है, जो इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं।
छह सदस्यीय समिति का गठन
राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय मंत्रिमंडल समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता संसदीय कार्य और विधि मंत्री जोगाराम पटेल कर रहे थे। इस समिति में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, सुमित गोदारा, बाबूलाल खराड़ी, जवाहर सिंह बेढ़म, और मंजू बाघमार को शामिल किया गया। समिति ने अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को सौंप दी हैं, जिसमें परीक्षा रद्द करने और सभी उम्मीदवारों को पुनः परीक्षा में शामिल करने की सलाह दी गई है।
2021 में हुई थी 859 एसआई की भर्ती परीक्षा
साल 2021 में 859 सब इंस्पेक्टर (एसआई) पदों के लिए आयोजित परीक्षा में पेपर लीक का मामला उजागर हुआ था। इसके बाद बीजेपी सरकार ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जिसकी जिम्मेदारी एडीजी वीके सिंह को सौंपी गई। एसआईटी ने इस मामले में 75 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 50 से अधिक प्रशिक्षु एसआई भी शामिल थे। इसके अलावा, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा और पूर्व सदस्य रामूराम राईका को भी गिरफ्तार किया गया। रामूराम राईका के बेटे और बेटी को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। एसओजी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश करते हुए स्पष्ट किया कि एसआई भर्ती का पेपर परीक्षा से एक महीने पहले ही लीक हो गया था।
एसओजी और महाधिवक्ता ने भी परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की
विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बड़े स्तर पर हुई इस धांधली को देखते हुए भर्ती परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की थी। पुलिस मुख्यालय ने एसओजी की रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेज दिया। राज्य के महाधिवक्ता ने भी इसी दिशा में सिफारिश करते हुए परीक्षा रद्द करने का समर्थन किया था।
आपको बता दे राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में भर्ती पर फैसला लेने के निर्देश दिए थे। हालांकि हाईकोर्ट की तय समय सीमा पूरी हो चुकी है। सरकार को अगली सुनवाई में हाईकोर्ट में जवाब और स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
तो चलिए अब आपको बताते है की आखिर अब अभ्यर्थियों के लिए क्या होगा?:
2021 के सभी आवेदकों को नई परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।जो अभ्यर्थी नई परीक्षा में असफल रहते हैं, उन्हें अगली भर्ती में उम्र में छूट का लाभ मिलेगा।