एपीओ के बावजूद संवेदनशील क्षेत्र में अधिकारी जारी कर रहा आदेश —शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने उठाए सवाल

Edited By Chandra Prakash, Updated: 27 Jul, 2025 02:00 PM

shiv mla ravindra singh bhati raised questions

क्या एपीओ होने के बाद भी एक अधिकारी सरकारी आदेश पारित कर सकता है ? क्या सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र में नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है ? राजस्थान के बाड़मेर जिले के रामसर और गडरा रोड जैसे सामरिक महत्व के क्षेत्रों को लेकर बड़ा प्रशासनिक सवाल...

जयपुर/बाड़मेर, 27 जुलाई 2025 । क्या एपीओ होने के बाद भी एक अधिकारी सरकारी आदेश पारित कर सकता है ? क्या सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र में नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है ? राजस्थान के बाड़मेर जिले के रामसर और गडरा रोड जैसे सामरिक महत्व के क्षेत्रों को लेकर बड़ा प्रशासनिक सवाल खड़ा हो गया है, और इस बार आवाज उठाई है शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने..

राजस्थान के सीमावर्ती उपखंड रामसर और गडरा रोड को लेकर एक बार फिर प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने एक बार फिर सोशल मीडिया के ज़रिए राजस्थान सरकार और जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।

विधायक भाटी ने आरोप लगाया कि 22 फरवरी 2024 को राजस्थान सरकार द्वारा RAS अधिकारियों के स्थानांतरण की सूची जारी की गई, जिसमें एक अधिकारी को रामसर में उपखंड अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया और बाद में उन्हें गडरा रोड का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया।

भाटी का आरोप है कि उक्त अधिकारी ने सीमावर्ती क्षेत्र में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जमीनी घोटाले, सोलर कंपनियों के साथ सांठगांठ कर मासूम किसानों की जमीनों पर हाई टेंशन लाइन की अनुमति प्रदान करने, संवेदनशील जमीनों के अवैध क्रय-विक्रय कराने, और मनिहारी गांव में महिलाओं और किसानों से अभद्र व्यवहार व मारपीट जैसे गंभीर आरोपों में खुद को लिप्त किया।

इन सब कारणों के चलते सरकार ने 19 मई 2025 को अधिकारी को एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया। लेकिन विवाद तब और गहरा गया जब 10 जुलाई 2025 को गडरा उपखंड कार्यालय से एक नेखमबंदी का आदेश जारी हुआ, जिस पर पीठासीन अधिकारी के रूप में उन्हीं एपीओ अधिकारी का नाम दर्ज था।

भाटी ने सवाल उठाए हैं कि –"राजस्थान सरकार द्वारा एपीओ कर दिए जाने के बाद भी वह अधिकारी कैसे आदेश जारी कर रहे हैं? किस अधिकार से संवेदनशील क्षेत्रों में अब भी प्रशासनिक कार्यवाही कर रहे हैं?" उन्होंने इसे न केवल सरकारी आदेशों की खुली अवहेलना बताया, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की विफलता भी करार दिया।

"तो अब सवाल सिर्फ उस अधिकारी से नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक प्रणाली से है। क्या सरकार के आदेशों की कोई अहमियत नहीं रह गई? क्या सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में कानून का राज नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रभाव का बोलबाला है? क्या ऐसे उदाहरण आम जनता का प्रशासनिक विश्वास तोड़ने का कारण नहीं बनते? शिव विधायक ने तो सवाल पूछ लिए हैं — अब देखना है कि सरकार इसका जवाब कब और कैसे देती है।"

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!