Edited By Kailash Singh, Updated: 24 Jul, 2025 04:32 PM

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़े ने गुरुवार को बालोतरा के कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में वंचितों को योजनाओं से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की गहन...
राज्यपाल ने बालोतरा में ली जिला स्तरीय बैठक अधिकारियों की बैठक
जयपुर, 24 जुलाई। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़े ने गुरुवार को बालोतरा के कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में वंचितों को योजनाओं से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं का प्रचार-प्रसार इस प्रकार हो कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक भी लाभ पहुंचे और वास्तविक जरूरतमंद वर्ग सशक्त हो सके। उन्होंने योजनाओं के समयबद्ध और परिणामोन्मुखी क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया। इस दौरान राज्यपाल ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को आवास योजना एवं अन्य योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से देने को कहा।
बैठक के दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वामित्व योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, कुसुम योजना, मिशन हरियालो राजस्थान, राजीविका, डेयरी विकास एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को आवास योजना एवं अन्य योजनाओं में प्राथमिकता के साथ लाभान्वित किया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि बच्चों की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता को एक साथ विकसित किया जाए। उन्होंने जिले के स्कूलों में खेल मैदानों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और छात्रावासों में व्यायामशाला एवं खेल सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान देने को कहा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिशन हरियालो राजस्थान को और अधिक प्रभावी बनाने के भी उन्होंने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहा जाए, बल्कि उनकी सुरक्षा और सार-संभाल भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कम जल की आवश्यकता वाले पौधों के रोपण को प्राथमिकता देने को कहा ताकि पर्यावरणीय संतुलन के साथ जल संरक्षण भी संभव हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना की समीक्षा करते हुए जल संचयन एवं भूजल स्तर बढ़ाने की दिशा में स्थानीय समाधान अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में वर्षा जल का संचयन उसी गांव में हो और वह व्यर्थ बहकर न जाए, इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक ग्रामीण घर में शुद्ध पेयजल कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। यह केंद्र सरकार की प्राथमिक योजनाओं में से एक है और इसकी शत-प्रतिशत सफलता जरूरी है।
उन्होने कहा कि राजीविका (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत महिला समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाई जाए और प्रत्येक महिला को उद्यमिता के लिए प्रेरित किया जाए। निष्क्रिय समूहों को पुनः सक्रिय करने और स्थानीय उत्पादों को आमजन तक पहुंचाने की दिशा में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल बागडे ने कृषि विभाग को मृदा परीक्षण कार्यक्रम के तहत अधिकतम किसानों को जोड़ने, वैज्ञानिक पद्धति से खेती को बढ़ावा देने, फार्म पॉन्ड निर्माण, फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण बढ़ाने और उत्पादकता एवं आय में वृद्धि हेतु तकनीकी मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट निस्तारण की भी समीक्षा करते हुए उन्होंने जैविक खाद निर्माण को प्रोत्साहित करने तथा इसे किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे स्वच्छता के साथ कृषि को भी लाभ हो।
राज्यपाल बागडे ने अंत में सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नियमित निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी योग्य नागरिक को योजनाओं से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाएं केवल आंकड़ों में नहीं बल्कि धरातल पर नजर आएं। इससे पहले उन्होंने वृक्षारोपण करते हुए सभी को पेड़ लगाने और उनकी सार संभाल के लिए भी कार्य करने का आह्वान किया।