Edited By Chandra Prakash, Updated: 23 Nov, 2024 04:44 PM
राजस्थान में हाल ही हुए विधानसभा उपचुनाव में मतगणना के पहले ही राउंड से पीछे चल रही भाजपा ने आखिरी चार राउंड में ऐसा पासा पलटा कि विजयी बढ़त बना ली। भाजपा की शांता देवी मीणा 1285 मतों से विजयी घोषित हुईं। इससे पहले 15वें राउंड तक बीएपी के जितेश कटारा...
उदयपुर, 23 नवंबर 2024 । राजस्थान में हाल ही हुए विधानसभा उपचुनाव में मतगणना के पहले ही राउंड से पीछे चल रही भाजपा ने आखिरी चार राउंड में ऐसा पासा पलटा कि विजयी बढ़त बना ली। भाजपा की शांता देवी मीणा 1285 मतों से विजयी घोषित हुईं। इससे पहले 15वें राउंड तक बीएपी के जितेश कटारा की बढ़त को देखते हुए उनकी जीत के अनुमान लगाए जाने लगे थे, लेकिन इसके बाद अंतर कम होता चला गया और बाजी भाजपा के पक्ष में चली
मतगणना के पहले राउंड से ही बीएपी के जितेश कुमार कटारा ने बढ़त बनाए रखी थी। 15वें राउंड के बाद, कटारा ने भाजपा की शांता देवी मीणा पर 11,899 मतों की मजबूत बढ़त बना ली थी, जिससे राजनीतिक विश्लेषकों और समर्थकों के बीच उनकी जीत की संभावनाओं को लेकर चर्चा तेज हो गईं।
हालांकि, 16वें राउंड से स्थिति में बदलाव आना शुरू हो गया। कटारा की बढ़त में धीरे-धीरे कमी आने लगी, जो 15वें राउंड के 11,899 मतों से घटकर 16वें राउंड में 8,838 पर पहुंच गई। इसके बाद, 17वें राउंड में कटारा की बढ़त 4,926 मतों तक सीमित हो गई। 18वें राउंड में कटारा की बढ़त मात्र 3,072 मतों की रह गई, जिससे यह स्पष्ट होने लगा कि भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
19वें राउंड में बीएपी के उम्मीदवार की बढ़त और भी घटकर 1,622 मतों पर आ गई। 20वें राउंड में कटारा की बढ़त सिर्फ 1,118 मतों की रह गई, जिससे भाजपा की उम्मीदें और अधिक मजबूत हो गईं। 21 राउंड की मतगणना के बाद बीएपी के जितेश कुमार कटारा भाजपा की शांतादेवी से महज 307 मतों से आगे रह गए। 22वें राउंड में बाजी पलटी और भाजपा की शांता देवी मीणा ने 1057 मतों से बढ़त बना ली। इसके बाद पोस्टल मतपत्रों की गणना हुई जिसमें भाजपा को 346 और बीएपी को 118 वोट मिले। भाजपा को कुल 84428 मत मिले और बीएपी को 83143 मत मिले।
आखिरी चार राउंड में भाजपा की शांता देवी मीणा का प्रदर्शन यादगार माना जा रहा है। सभी रुझानों को उलटते हुए 1285 मतों की बढ़त से जीत दर्ज की। यह जीत न केवल सलूंबर उपचुनाव में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि है, बल्कि इसने एक बार फिर दिखा दिया कि अंतिम क्षणों तक चुनावी गणित में कुछ भी संभव है। लेकिन, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यह चुनाव भाजपा के लिए टेढ़ी खीर रहा है, कम अंतर से ही सही, भाजपा यहां अपनी साख बचाने में कामयाब रही है और अपने गढ़ को बरकरार रखा है। यहां कांग्रेस बुरी तरह से पिछड़ गई है और बीएपी के जितेश कुमार कटारा मजबूती से उभर कर आए हैं।