Edited By Raunak Pareek, Updated: 10 Dec, 2025 03:36 PM

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) भवन में 250 KW के सोलर प्लांट की स्थापना के बाद बिजली बिल शून्य होने जा रहा है। ग्रीन बजट के तहत उठाए इस कदम से प्रतिमाह 36,000 यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और 3.5 लाख रुपए की बचत होगी।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के भवन में 250 किलोवाट क्षमता के एक सोलर रूफ टॉप प्लांट की सफल स्थापना की गई है। यह महत्वपूर्ण कदम राज्य सरकार के ’’ग्रीन बजट’’ के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना और कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। आयोग अध्यक्ष उत्कल रंजन साहू ने बुधवार को प्लांट का शुभारंभ किया।
इस प्लांट से प्रतिमाह लगभग 30,000 से 36,000 यूनिट नवीकरणीय (रिन्यूएबल) ऊर्जा का उत्पादन होने की उम्मीद है। यह न केवल RPSC भवन की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगा, बल्कि इससे आयोग को प्रति माह 3 से 3.5 लाख रुपए की बिजली बिल में बचत होने का अनुमान है।
इस अवसर पर साहू ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से, राजस्थान सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए दुनिया के सबसे उपयुक्त स्थानों में से एक है। राज्य में वर्ष के अधिकांश दिनों में तेज़ और सीधी धूप उपलब्ध रहती है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत अनुकूल है। ग्रीन बजट और रूफ टॉप सोलर पॉलिसी जैसे सरकारी कार्यक्रम, राजकीय भवनों और आम नागरिकों दोनों को सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हाइब्रिड मोड पर प्लांट की स्थापना की गई है। सोलर प्लांट को सीधे ग्रिड से कनेक्ट किया गया है। नवीनतम तकनीकी पर आधारित इस सोलर सिस्टम को न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है और इसकी लाइफ साइकिल भी लंबी होती है। आरपीएससी भवन की यह पहल एक रोल मॉडल के रूप में काम करेगी और अन्य सरकारी विभागों तथा निजी संस्थानों को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे प्रदूषण मुक्त वातावरण के साथ ही राज्य उर्जा हब के रूप में अग्रसर होगा।