रेवासा पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज का हार्ट अटैक से निधन, संत समाज में शोक की लहर, सीएम भजनलाल शर्मा, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जताया दुख

Edited By Chandra Prakash, Updated: 30 Aug, 2024 02:34 PM

peethadheeshwar raghavacharya maharaj of rewasa peeth died of heart attack

सीकर जिले के रेवासा स्थित पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज का शुक्रवार को सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया । मिली जानकारी के अनुसार राघवाचार्य महाराज को बाथरूम में अचानक दिल का दौड़ा पड़ा । जिसके बाद आनन फानन में उनको बेहोशी की हालत में तुरंत सीकर...

सीकर, 30 अगस्त 2024 । सीकर जिले के रेवासा स्थित पीठ के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज का शुक्रवार को सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया । मिली जानकारी के अनुसार राघवाचार्य महाराज को बाथरूम में अचानक दिल का दौड़ा पड़ा । जिसके बाद आनन फानन में उनको बेहोशी की हालत में तुरंत सीकर अस्पताल लाया गया । जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद मृत घोषित कर दिया । ऐसे में सीकर जिले समेत पूरे प्रदेश के साथ-साथ संत समाज में शोक की लहर छा गई है । 

राघवाचार्य महाराज वेदांत विषय में थे गोल्ड मेडलिस्ट
आपको बता दें कि राघवाचार्य महाराज वेदांत विषय में गोल्ड मेडलिस्ट थे। वे राजस्थान संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने राजस्थान में वेदाश्रमों की भी स्थापना की। बताया जा रहा है कि रैवास वेद विद्यालय में वेदों की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट इंडियन आर्मी से लेकर कई बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं महंत के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने उनकी वसीयत भी पढ़कर सुनाई। महंत राघवाचार्य ने वृंदावन के संत राजेंद्र दास देवाचार्य को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसी रेवासा धाम में गोस्वामी तुलसीदास ने काव्य रचना की थी। इस दौरान हवामहल विधानसभा से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य भी सीकर पहुंचे।  

हमीरपुर के वीर खेड़ा गांव में जन्मे थे राघवाचार्य महाराज 
इनके पूरे जीवन काल की बात की जाए तो राघव आचार्य महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के वीर खेड़ा गांव में 8 सितंबर 1952 को हुआ था । बता दें कि उन्होंने श्री राम संस्कृत महाविद्यालय जानकी कुंड चित्रकूट(यूपी) में संस्कृत व्याकरण का प्रारंभिक अध्ययन किया था । वहीं 1970 से 1981 तक वाराणसी में वेदांत विषय का अध्ययन किया । इसके बाद 1981 में वेदांत विभाग में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर संपूर्ण आनंद विश्वविद्यालय वाराणसी में स्वर्ण पदक भी हासिल किया था । वहीं 1981 में भारतीय संस्कृति वाकपटुता प्रतियोगिता में वेदांत विषय में अखिल भारतीय स्वर्ण पदक भी राघव आचार्य महाराज ने हासिल किया था । 

रेवासा पीठ में वेद विद्यालय एवं संस्कृत विद्यालय की स्थापना की
वहीं बता दें कि साल 1983 में जगतगुरु श्री शंकराचार्य महाराज के अगर पीठाधीश रेवासा धाम से विराट शिक्षा ग्रहण की । इसके बाद 25 फरवरी 1984 को रेवासा पीठ के पीठाधीश के पद पर उन्हें सुशोभित किया गया, उन्होंने वेद अध्ययन की परंपरा को पुनर्जीवित किया और रेवासा पीठ में वेद विद्यालय एवं संस्कृत विद्यालय की स्थापना की और वैदिक शिक्षा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । उन्होंने गोवंश को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्होंने एक बड़ी गौशाला की स्थापना करी और गो उत्पादों का निर्माण शुरू किया साथ ही उन्होंने विश्व हिंदू परिषद में केंद्रीय मार्गदर्शन मंडल में सदस्य एवं विश्व हिंदू परिषद में राम जन्मभूमि उचधिकार समिति सदस्य के दायित्व का निर्वहन किया । पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में राजस्थान संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन करते हुए पूरे प्रदेश में वेद आश्रमों की स्थापना की । आज राजस्थान में एक हजार के लगभग वेद आश्रम संचालित हैं । 

PunjabKesari

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शोक जताते हुए पीठाधीश्वर को अर्पित की श्रद्धांजलि 
रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज के निधन के बाद पूरा प्रदेश शोक में डूबा हुआ है । ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी महंत के निधन पर शोक जताया 
इसी के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी एक्स पर पोस्ट कर मंहत के निधन पर शोक जताया, उन्होंने लिखा, कि राजस्थान (सीकर) के प्रसिद्ध - पावन रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत श्री श्री 1008 श्री राघवाचार्य जी के ब्रम्हलीन होने का समाचार जानकर दुःख हुआ। वे वैदिक दर्शन और परंपरा के अग्रणी संत थे। उनका देहावसान अध्यात्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान तथा उनके शिष्यों और अनुयायियों को संबल प्रदान करें।
ॐ शांति

PunjabKesari

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य भी सीकर पहुंचे
वहीं इस दौरान हवामहल विधानसभा से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य भी सीकर पहुंचे। उन्होंने रेवासा महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज संपूर्ण भारत को, अध्यात्म जगत को और संत समाज को क्षति हुई है । हम सबके अग्रज परमपूज्य पीठाधीश्वर डॉ. राघवाचार्य जी वेदांत जी महाराज वेद-वेदांत और शास्त्रों के विद्वान थे और राष्ट्र धर्म राम जन्मभूमि या अनगिनत आंदोलनों में अग्रणीय काम किए । और शिक्षा के क्षेत्र में तो महाराज जी का क्या कहना, हम जैसे बालक हजारों-हजारों तैयार कर दिए । भले ही वो फौज हो,सरकारी संस्थाएं हो या फिर शिक्षा का क्षेत्र हो जहां वो बालक अपना उपार्जन कर रहे हैं । ऐसे परमसंत आदरणीय रेवासा महाराज जी जो आज ठाकुर जी की सेवा में सदा के लिए पधार गए । जिनका संपूर्ण जीवन का अध्यात्म जगत के लिए, शास्त्र, वेद पुराणों के लिए, भारत की संस्कृति, यहां के मंदिरों को बचाने के लिए संघर्ष (आंदोलन) करते रहे  । और संपूर्ण जगत को जगाने का काम वे करते रहे । ऐसे परमसंत जो पीएम मोदी जी के साथ भी काम किया । और बड़े-बड़े विद्वानों, संतों के साथ राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन अर्पित कर दिया । बहुत बड़ी क्षति हुई है, जिसका कोई अनुमान नहीं । तो हम सब अखिल भारतीय संघ समिति की ओर से और भाजपा पार्टी की ओर से रेवासा महाराज के देवलोकगम पर उनके चरणों में शत-शत-नमन करते हैं, श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । जो मार्ग दर्शन उन्होंने दिया है, उनके मार्ग दर्शन पर हम चलने का प्रयास करेंगे । यही हम सबकी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी । 

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!