Edited By Chandra Prakash, Updated: 11 Oct, 2024 01:42 PM
जिले में चिकित्सकों की मिलीभगत से मेडिकल स्टोर संचालक आमजन को किस प्रकार लूट रहे हैं, इसकी बानगी सवाई माधोपुर में एक बार फिर से देखने को मिली है। जहां को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा लोकल ब्रांड...
- खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने की बड़ी कार्रवाई
- आखिर राज्य सरकार कब इस ओर देगी ध्यान ?
- 37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा बिक रहा 400 रुपए में
- जबकि 30 रुपए की सिरप बेची जा रही 156 रुपए में
सवाई माधोपुर, 11 अक्टूबर 2024 । जिले में चिकित्सकों की मिलीभगत से मेडिकल स्टोर संचालक आमजन को किस प्रकार लूट रहे हैं, इसकी बानगी सवाई माधोपुर में एक बार फिर से देखने को मिली है। जहां को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा लोकल ब्रांड का 37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए में और 30 रुपए की सिरप 156 रुपए में धड़ल्ले से बेची जा रही है और दवाइयों की कीमत से अनजान आमजन चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने पर मजबूरन उन्हें खरीद रहे है।
मेडिकल स्टोर संचालकों और चिकित्सकों की मिलीभगत से यह लूट का खेल चल रहा है और आम आदमी की जेब कट रही है। त्यौहारी सीजन के मद्देनजर राज्य सरकार के आदेश पर सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर शुभम चौधरी एवं सीएमएचओ डॉ. धर्मसिंह मीणा के निर्देशन में सवाई माधोपुर में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने खाद्य निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बजरिया स्थित जेके मेडिकल एजेंसी पर कार्रवाई की गई। टीम ने मेडिकल से दो डिब्बे प्रोटीन व खाना हजम करने की 40 सिरप जब्त की एवं नमूने लिए।
बड़ी बात ये है कि टीम ने मेडिकल की दुकान से जो प्रोटीन का डिब्बा जब्त किया है, उसकी वास्तविक कीमत 37 रुपए है। जबकि बाजार में मेडिकल की दुकानों पर यह प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए की प्रिंट रेट पर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। वही टीम द्वारा जब्त की गई सिरप की ओरिजनल कीमत 30 रुपए है। जबकि बाजार में वो सिरप 156 रुपए की मिल रही है। ऐसे में मेडिकल संचालकों एंव चिकित्सकों की कमीशनखोरी के चलते ग्राहकों की जेब कट रही है।
खाद्य निरीक्षक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि टीम द्वारा जेके मेडिकल एजेंसी पर छापेमार कार्रवाई की गई । इस दौरान प्रोटीन और सिरप जब्त करने के साथ ही सेंपल लिए गए है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस प्रोटीन के डिब्बे की वास्तविक कीमत 37 रुपए है, उसे मेडिकल स्टोर वाले 400 रुपए में बेच रहे है। वहीं जिस सिरप की कीमत 30 रुपए है, उसे 156 रुपए में बेच रहे है। प्रोटीन के डिब्बे और सिरप पर प्रिंट रेट भी बाजार में बेचे जा रहे दाम के मुताबिक ही है। जबकि उनकी ओरिजनल कीमत बहुत कम है।
खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्रवाई से ये सामने आया कि मेडिकल स्टोर संचालक चिकित्सकों के साथ मिलकर आमजन की जेब पर किस तरह डांका डाल रहे है। चिकित्सक दवा लिखते है और दवा की ओरिजनल कीमत से अनजान आमजन मेडिकल से दवा खरीदता है और लूट जाता है। मेडिकल एजेंसी से लेकर चिकित्सको एंव मेडिकल स्टोर का कमीशन तय है और जेब आम आदमी की कट रही है। दवाइयों और जांच के नाम पर की जा रही लूट अकेले सवाई माधोपुर में ही नहीं बल्कि देश-प्रदेश स्तर पर हो रही है। फार्मा कम्पनियों से लेकर चिकित्सक ,मेडिकल एजेंसी ओर मेडिकल स्टोर का कमीशन फिक्स है और जेब आमजन की कट रही है। सवाई माधोपुर में खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्रवाई से तो यही साबित हो रहा है, कि दवाइयों की असली कीमत कुछ और है और बाजार में प्रिंट रेट के नाम पर आमजन की जेब पर ये किस तरह डाका डाल रहे है।
जांचों और दवाइयों दोनों में ही चिकित्सक का कमीशन है फिक्स
खाद्य सुरक्षा विभाग टीम की इस कार्रवाई से यह तो तय है कि चिकित्सकों, मेडिकल स्टोर्स व जांच लेबों में चिकित्सक का कमीशन बहुत ज्यादा हद तक बंधा हुआ रहता है। इससे आम आदमी लुटता जा रहा है। आखिर सरकार कब इस ओर देगी ध्यान और कब तक ऐसे आम आदमी लूटता जाएगा ?