Edited By Chandra Prakash, Updated: 03 Aug, 2024 05:39 PM
दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने 'सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के बंटवारे वाले फैसले से मैं सहमत नहीं हूं, यह फैसला संवैधानिक फैसला नहीं है' यह कह कर सवाल खड़े कर दिए हैं । उन्होंने कहा कि मेरी यह व्यक्तिगत मान्यता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आरक्षण के...
दौसा, 3 अगस्त 2024 । दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने 'सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के बंटवारे वाले फैसले से मैं सहमत नहीं हूं, यह फैसला संवैधानिक फैसला नहीं है' यह कह कर सवाल खड़े कर दिए हैं । उन्होंने कहा कि मेरी यह व्यक्तिगत मान्यता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आरक्षण के बंटवारे का फैसला लिया है, यह सही नहीं है । इसमें सरकार ने कहीं ना कहीं सही रूप से आरक्षण की पैरवी नहीं । जिसका नुकसान पूरे समाज को उठाना पड़ेगा ।
मुरारी लाल मीणा ने कहा कि एसटी को आरक्षण उसकी जाति की वजह से नहीं बल्कि उसके सामाजिक परिवेश से, उसकी संस्कृति से मिला हुआ है । आरक्षण के लिए एसटी और एससी दोनों के पैरामीटर अलग-अलग हैं । एसटी का आरक्षण सामाजिक पैरामीटर भिन्न-भिन्न होने के चलते मिला हुआ है।
दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि ऐसा लगता है जैसे एसटी-एससी के आरक्षण को खत्म करके ईडब्ल्यूएस और ओबीसी को आरक्षण देने की इच्छा है । सांसद ने आगे कहा कि आज देश में आरक्षित वर्ग की संख्या 25% के आसपास है और सरकारी नौकरियों में मात्र 15% के आसपास ही पद भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति भी इस बात की पक्षधर है, जो बात मैंने 8 दिन पहले बताई थी कि जैसे सिविल सेवा की परीक्षाएं जैसे होती है वैसे न्यायिक सेवा में भी परीक्षाएं लागू होना चाहिए ।
इस दौरान उन्होंने आरक्षण को लेकर पीएम मोदी पर जमकर जुबानी हमला बोला । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोग पहले ही कह रहे थे कि यदि मोदी फिर से सत्ता में आ गया तो आरक्षण खत्म करेगा और अबकी बार मोदी ने पत्र बदल लिया है । अब इनडायरेक्ट रूप से आरक्षण खत्म करने का काम शुरू हो गया है । जिसको समाज बर्दाश्त नहीं करेगा ।