Edited By Chandra Prakash, Updated: 10 Nov, 2024 08:34 PM
मेवाड़ की ऐतिहासिक और शाही धरोहर को संजोने वाले महेंद्र सिंह मेवाड़ का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान में शोक की लहर है। महेंद्र सिंह मेवाड़, जिन्होंने राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वे...
जयपुर/उदयपुर, 10 नवंबर 2024। मेवाड़ की ऐतिहासिक और शाही धरोहर को संजोने वाले महेंद्र सिंह मेवाड़ का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान में शोक की लहर है। महेंद्र सिंह मेवाड़, जिन्होंने राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वे मेवाड़ राजवंश के एक प्रमुख सदस्य थे। इस स्क्रिप्ट में हम उनके जीवन, राणा प्रताप से उनके रिश्ते, उनकी वंशावली और नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करेंगे।
कौन थे महेंद्र सिंह मेवाड़ ?
महेंद्र सिंह मेवाड़ का जीवन एक गहरी धरोहर और इतिहास से जुड़ा हुआ था। वे मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के 76वें सदस्य थे और उदयपुर के महाराणा भगवत सिंह के बड़े बेटे थे। महेंद्र सिंह ने 1989 में बीजेपी के टिकट पर चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1996 में कांग्रेस ने उन्हें भीलवाड़ा से उम्मीदवार बनाया, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। महेंद्र सिंह का जीवन न केवल राजनीतिक था, बल्कि वे एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते हुए मेवाड़ के गौरव और परंपराओं को गर्व से आगे बढ़ाते रहे।
महाराणा प्रताप से क्या था नाता ?
महेंद्र सिंह मेवाड़ का राणा प्रताप से एक गहरा और ऐतिहासिक संबंध था। वे महाराणा प्रताप के वंशज थे और उनकी परंपराओं को गर्व से आगे बढ़ाते रहे। महेंद्र सिंह और उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ दोनों ही उस उदयपुर के महलों में रहते थे, जहां महाराणा प्रताप ने अपना जीवन बिताया था। महेंद्र सिंह और उनके भाई दोनों मेवाड़ के 76वें संरक्षक होने का दावा करते थे। इसके अलावा, महेंद्र सिंह के बेटे, विश्वराज सिंह मेवाड़ भी महाराणा प्रताप के वंशज माने जाते हैं, जो नाथद्वारा से विधायक हैं। राणा प्रताप के दादा, राणा सांगा का योगदान भी मेवाड़ के इतिहास में अनमोल है।
प्रताप की वंशावली जानिए, कौन है अब वारिस ?
महेंद्र सिंह मेवाड़ सिसोदिया राजवंश की 76वीं पीढ़ी के थे, और उनका परिवार मेवाड़ की ऐतिहासिक धरोहर को संभालने के लिए जिम्मेदार रहा है। उनके पुत्र, विश्वराज सिंह मेवाड़, जो वर्तमान में नाथद्वारा से बीजेपी विधायक हैं, उनके वारिस माने जाते हैं। इसके अलावा, महेंद्र सिंह की बहू, महिमा कुमारी, जो राजसमंद से सांसद हैं, भी इस वंश की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। महेंद्र सिंह के परिवार ने मेवाड़ की शाही परंपराओं को केवल सामाजिक स्तर पर नहीं बल्कि राजनीति में भी जीवित रखा है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन पर राजस्थान और देशभर के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। इसमें प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के साथ विपक्ष और देश के तमाम बड़े नेताओं ने शोक व्यक्ति किया और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिवार को सहनशक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
महेंद्र सिंह मेवाड़ का जीवन और कार्य मेवाड़ की ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक थे। उन्होंने न केवल अपने परिवार की परंपराओं को बनाए रखा, बल्कि राजनीति और समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका निधन मेवाड़ के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत उनके बेटे और आने वाली पीढ़ियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और वे हमेशा मेवाड़ के इतिहास में एक अमूल्य नाम बनकर रहेंगे।