Edited By Chandra Prakash, Updated: 17 Aug, 2024 04:39 PM
एससी-एसटी के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है । इसको लेकर कांग्रेस के दौसा से सांसद मुरारी लाल मीणा ने कहा है, कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है । उधर भाजपा नेता...
दौसा, 17 अगस्त 2024 । एससी-एसटी के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है । इसको लेकर कांग्रेस के दौसा से सांसद मुरारी लाल मीणा ने कहा है, कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है । उधर भाजपा नेता डॉ.किरोडी लाल मीणा ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अच्छा बताया है । उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं हो सकता हैं । जबकि एक और भाजपा नेता विजय बैरवा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण का फायदा अब उन लोगों को भी मिलना चाहिए जो लोग आज तक आरक्षण का लाभ नहीं पाए ।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी के आरक्षण वाले इस निर्णय के बाद जानिए, एससी-एसटी आरक्षण पर अपने-अपने समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले जन-प्रतिनिधियों की अलग-अलग राय । जाने क्या कहते हैं आरक्षित वर्ग के नेता ।
कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा आरक्षण के फैसले पर बोले, उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का विरोध करता हूं, क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है । संविधान की धाराओं के खिलाफ है । संविधान में एसटी-एससी के आरक्षण में किसी भी प्रकार का बदलाव केवल लोकसभा ही कर सकती है । सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय में क्रीमी लेयर की कोई बात नहीं की गई है। आरक्षण हम लोगों को हमारी संस्कृति व्यवस्था के हिसाब से मिला हुआ है ।
जबकि दौसा भाजपा जिला कोषाध्यक्ष एससी मोर्चा एवं सरपंच विजय बैरवा का कहना है कि एससी-एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो निर्णय लिया गया है, इसका उद्देश्य आरक्षण का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाना है, हालांकि अभी-अभी पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है । कि आरक्षण के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होगी। लोगों को भ्रमित नहीं होना चाहिए । किसी के भी बहकावे में नहीं आना चाहिए । माननीय सुप्रीम कोर्ट का नजरिया केवल इतना सा ही है कि आरक्षण का लाभ अंतिम छोर तक कैसे पहुंचे ?
उधर सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के फैसले पर डॉ. किरोडी लाल मीणा ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है । इसका मतलब यह है कि जो लोग आरक्षण का लाभ ले चुके हैं, अब उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए और आरक्षण का लाभ उन लोगों को दिया जाए । जिन लोगों ने आरक्षित वर्ग में आने के बाद भी आरक्षण का लाभ नहीं लिया ।
बड़ा सवाल ये भी है कि आने वाले कुछ महीनों में दौसा विधानसभा के लिए उपचुनाव होने है । तो क्या मतदाता दोहराएगा परिणाम या मतदाता लिखेगा कोई कहानी ? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।