Edited By Chandra Prakash, Updated: 22 Aug, 2024 06:20 PM
कृषि एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने स्वीकार किया है, कि मंत्री रहते हुए यदि मैं जनता के बीच जाकर बाढ़ के हालातों का जायजा नहीं लेता तो लोग मुझे क्या कहते ?, इसलिए मैं सदा काम करने के लिए तैयार हूं । ये बात उन्होंने दौसा में आयोजित...
दौसा, 22 अगस्त 2024 । कृषि एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने स्वीकार किया है, कि मंत्री रहते हुए यदि मैं जनता के बीच जाकर बाढ़ के हालातों का जायजा नहीं लेता तो लोग मुझे क्या कहते ?, इसलिए मैं सदा काम करने के लिए तैयार हूं । ये बात उन्होंने दौसा में आयोजित हुई बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुई कही ।
किरोड़ी बोले, मंत्री रहते हुए बाढ़ के हालातों का जायजा लेने नहीं जाता तो जनता बोलती.....?
ऐसे में लगता है, अब डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का मंत्री पद छोड़ने का वनवास खत्म हो गया है । इसीलिए गुरुवार को दौसा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह राठौड़, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी, बीजेपी प्रदेश सह प्रभारी विजया रहाटकर सहित भाजपा के कई नेता दौसा विधानसभा उपचुनाव की तैयारी के लिए दौसा पहुंचे हैं । जहां भाजपा के तमाम नेताओं ने दौसा विधानसभा उपचुनाव को जीतने का बिगुल फूंका। दरअसल, दौसा उपचुनावों को लेकर दौसा में आयोजित हुई बैठक में भाजपा के कई बड़े दिग्गज शामिल हुए ।
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं मंत्री नहीं होता तब भी जनता के दुख दर्द समझने के लिए सदा काम करता हूं और अब मैं मंत्री हूं, इसलिए मैंने पिछले दिनों बाढ़ के दौरान राजस्थान के कई जिलों के दौरे किए । यदि ऐसे समय में मैं लोगों के हाल-चाल जानने और मदद के लिए नहीं जाता तो लोग कहते की कैसा मंत्री है जो हम लोगों के इस संकट के बीच में हाल-चाल जानने भी नहीं आया ।
यानी कि अब बिल्कुल सीधे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का मंत्री पद का वनवास शायद खत्म हो चुका है । इसीलिए मंत्री मीणा ने स्पष्ट किया है कि अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है और वह आपदा एवं प्रबंधन मंत्री होने के नाते लोगों के हाल जानने के लिए इस बाढ़ के संकट के बीच में गए थे । यदि वह नहीं जाते तो लोग उन्हें यह कहते कि कैसा आपदा एवं प्रबंधन मंत्री हैं जो खुद के विभाग के लिए काम नहीं कर रहा ।
आपको बता दें कि लंबे समय से डॉ. किरोड़ी मीणा सियासी चर्चाओं में रहे, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कह दी थी । उन्होंने कहा था कि दौसा समेत 6 सीटों पर अगर उनकी पार्टी यानी कि बीजेपी यहां से जीत हासिल नहीं कर पाई तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा । ऐसे में 4 जून को जैसे ही लोकसभा चुनावों का परिणाम आया तो जिन सीटों पर किरोड़ी को जिम्मेदारी मिली थी । उन 6 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा । ऐसे में किरोड़ी मीणा ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए एक धार्मिक कार्यक्रम में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया । फिर इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेज दिया । वो बात अलग है कि अभी तक भी किरोड़ी मीणा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया । ऐसे में जिस प्रकार किरोड़ी ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का जिस प्रकार से दौरा किया । इससे साफ जाहिर है कि अभी फिलहाल किरोड़ी के पास कृषि एवं आपदा प्रबंधन विभाग है और इसी के चलते उन्होंने अपना दायित्व निभाते हुए जनता के बीच पहुंचकर अपना काम किया । अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब किरोड़ी का इस्तीफा मंजूर नहीं होगा ?