जैसलमेर ने रचा इतिहास, जानिए, एक घंटे में कैसे बना दिया विश्व रिकॉर्ड ?

Edited By Chandra Prakash, Updated: 22 Sep, 2024 07:05 PM

jaisalmer created history know how it made a world record in one hour

वैसे तो जैसलमेर अपने इतिहास को लेकर पूरे विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ हुए है। इसी कड़ी में आज जैसलमेर ने इतिहास रचते हुए 1 घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाकर नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। पश्चिमी जिले जैसलमेर में प्रादेशिक सेना ने पौधारोपण में इतिहास रच...

 

 

जैसलमेर, 22 सितंबर 2024 । वैसे तो जैसलमेर अपने इतिहास को लेकर पूरे विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ हुए है। इसी कड़ी में आज जैसलमेर ने इतिहास रचते हुए 1 घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाकर नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। पश्चिमी जिले जैसलमेर में प्रादेशिक सेना ने पौधारोपण में इतिहास रच दिया । प्रादेशिक सेना की 128वीं पैदल वाहिनी जिसे इको टास्क फोर्स फोर्स कहा जाता है, उसने आज 1 घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। 

 

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एक घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड  
आपको बता दें कि पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड 1 घंटे में 3 लाख 31 हजार पौधे लगाने का है । वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रादेशिक सेना कई दिनों से तैयारियों में जुटी हुई थी। जैसलमेर जिले को हराभरा बनाने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला प्रशासन, सेना, बीएसएफ, वायुसेना, पंचायत, वन विभाग सहित कई विभाग के अधिकारी व कार्मिकों व आमजन के सहयोग से प्रादेशिक सेना ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके लिए प्रादेशिक सेना ने जिले में कई स्थानों का चयन किया । जिसमें मिलिट्री स्टेशन, न्यू लिंक रोड राणीसर, मोहनगढ़, सम, देगराय मंदिर के पास व हमीरा में रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक 5 लाख पौधे एक साथ लगाए गए। विधायक छोटूसिंह भाटी व कलेक्टर प्रतापसिंह नाथावत की मौजूदगी में बच्चों द्वारा ठीक 11 बजे हूटर बजाकर पौधारोपण शुरू किया गया, जिसे ठीक 12 बजे बंद किया गया। 

 

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26 सालों में ईटीएफ ने 20 हजार हेक्टेयर में 2 करोड़ के करीब लगाए पौधे 
प्रादेशिक सेना की 128वीं पैदल वाहिनी (इको टास्क फोर्स) साल 1997 से मोहनगढ़ में तैनात है। अब तक 26 सालों में ईटीएफ ने 20 हजार हेक्टेयर में 2 करोड़ के करीब पौधे लगाए हैं। पौधरोपण के बाद 4 साल तक ईटीएफ द्वारा पौधों की देखरेख की जाती है। हर साल पौधरोपण के दौरान 10 प्रतिशत पौधों में खराबा हो जाता है । वहीं, 90 प्रतिशत पौधे वृक्ष का रूप ले चुके हैं। पौधरोपण के बाद इन पौधों की देखरेख जिला प्रशासन के सहयोग से की जाएगी। सैन्य स्टेशन में स्वयं ईटीएफ पौधों की देखभाल करेगी। बाकी जगहों पर संबंधित पंचायत समिति, ग्राम पंचायत व ग्रामीणों के सहयोग पौधों की देखरेख की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर ईटीएफ भी पौधों की देखभाल के लिए सहयोग करेगी। 

 

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वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए ईटीएफ ने 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था- जिला कलेक्टर 
वहीं जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए ईटीएफ ने 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए ईटीएफ ने साढ़े 3 लाख से अधिक पौधे स्वयं ने तैयार किए हैं। वहीं, डेढ़ लाख के करीब पौधे वन विभाग से निर्धारित दर पर खरीदे हैं। वृहद पौधरोपण के दौरान स्थानीय देशी किस्मों के पौधे लगाए गए हैं। ताकि वह स्थानीय वातावरण में आसानी से पनप सके। जिसमें मुख्य रूप से नीम, खेजड़ी, रोहिड़ा, करंज, कूमट, इमली व बेर के पौधे लगाए गए हैं।

 

सेक्टर नॉर्थ के DIG योगेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि BSF रक्षा पंक्ति की अग्रणी भूमिका में रहने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी हमेशा अग्रणी रहती है। आज हमने पौधारोपण में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, इसमें सभी का सहयोग रहा है। 
 

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