Edited By Chandra Prakash, Updated: 29 Sep, 2024 04:52 PM
विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बीआर हर्ट हॉस्पिटल द्वारा जंक्शन में 'हेल्दी हार्ट, हेल्दी हनुमानगढ़' नामक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में साइकिलिंग क्लब सदस्यो सहित सैकड़ों नागरिकों ने भाग लिया। इस मौके पर दिल की सेहत से संबंधित महत्वपूर्ण...
"दिल की हिफ़ाज़त कीजिए ये नाज़ुक है बहुत,
धड़कनों का क्या, ये तो हालात से भी टूट जाती हैं"
हनुमानगढ़ 29 सितंबर 2024 । विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बीआर हर्ट हॉस्पिटल द्वारा जंक्शन में 'हेल्दी हार्ट, हेल्दी हनुमानगढ़' नामक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में साइकिलिंग क्लब सदस्यो सहित सैकड़ों नागरिकों ने भाग लिया। इस मौके पर दिल की सेहत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की गईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक गणेश बंसल थे अध्यक्षता सभापति सुमित रिणवा ने की।आयोजक डॉक्टर सुरेश बाजिया ने बताया कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को हृदय रोगों के प्रति जागरूक करना और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करना था। इस मौके पर बोलते हुए डॉक्टर पारस जैन ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिक जीवनशैली और खानपान की आदतें दिल की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं।
उन्होंने बताया कि नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनावमुक्त जीवनशैली को अपनाकर हृदय रोगों से बचा जा सकता है। डॉक्टर जैन ने बताया कि फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन हृदय के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। उन्होने तली-भुनी और वसायुक्त चीज़ों से बचने का भी सुझाव दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जैसे तेज़ चलना, साइक्लिंग या योग हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। उन्होंने कहा की मानसिक तनाव हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। डॉक्टर जैन ने ध्यान और योग को अपनाने की सलाह दी जिससे तनाव को कम किया जा सके।
उन्होंने लोगों को धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचने की सलाह दी, जो हृदय के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं। सेमिनार के अंत में लोगों ने डाक्टर सुरेश बाजिया से प्रश्न पूछकर मन में उठ रहे संदेहों का समाधान किया। उन्होंने कहा की हृदय केवल एक अंग नहीं है, बल्कि यह जीवन का धड़कता स्रोत है, जो हमें न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि भावनात्मक और मानसिक रूप से भी जोड़ता है।वर्तमान समय में हृदय रोग सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन चुका है, और इसका प्रमुख कारण हमारा बदलती हुई जीवनशैली और खानपान है। जिंदगी की आपाधापी ने भी हमारे दिल पर काफी असर डाला है, मगर इन चीजों को नज़रअंदाज़ करना अब संभव नहीं है।
उन्होंने कहा की हृदय रोग से बचने का सबसे सशक्त साधन है जागरूकता। चिकित्सकों द्वारा समय-समय पर दी गई सलाह, जैसे कि स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, और तनाव को नियंत्रित करना, ये केवल सलाहें नहीं हैं, बल्कि जीवन के लिए मंत्र हैं। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और हृदय की सुरक्षा के लिए एक सशक्त अभियान शुरू करें। हमें अपनी दिनचर्या में थोड़ी सी सावधानी, थोड़ा सा संयम और निरंतता को स्थान देना होगा। पौष्टिक भोजन, योग, ध्यान, और व्यायाम से हम अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होनें कहा की हृदय केवल शरीर का हिस्सा नहीं है। यह हमारी संवेदनाओं, भावनाओं और रिश्तों का भी केंद्र है। हमें अपने मन और हृदय को तनावमुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि मानसिक शांति और हृदय स्वास्थ्य का गहरा संबंध है। इस मौके पर सेवानिवृत आईजी गिरीश चावला ने कहा की हमें केवल अपने हृदय की धड़कन पर ध्यान नहीं देना है, बल्कि इसे हर रोज़ एक नए जोश और ऊर्जा के साथ धड़कने का अवसर देना है। स्वस्थ रहें, खुश रहें, और अपने दिल का ख्याल रखें, क्योंकि एक स्वस्थ दिल ही एक स्वस्थ जीवन की नींव है।
कार्यक्रम में बंटी थरेजा ने हृदय की नाजुकता और उसकी देखभाल की अहमियत को व्यक्त करते हुए ये शेर सुनाया।"दिल की हिफ़ाज़त कीजिए ये नाज़ुक है बहुत,धड़कनों का क्या, ये तो हालात से भी टूट जाती हैं।" अस्पताल की ओर से हृदय रोग से बचाव के लिए फ्री काउंसलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई, जिसका अनेक नागरिकों ने लाभ उठाया। सेमीनार में अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और लोगों को हृदय रोगों से बचने के लिए विभिन्न उपाय बताए। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अरशद अली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीलम चौधरी, डॉक्टर राम सिहाग,डॉक्टर रेणु सेतिया, अमर सेतिया, डॉक्टर सतीश नागपाल, प्रताप सिंह शेखावत, महेंद्र सिंह राठौड़, डॉक्टर रमा शंकर आसोपा, डॉक्टर राम सिहाग, एसकेडी चांसलर बाबूलाल जुनेजा, पार्षद तरूण विजय,डॉक्टर नवनीत शर्मा, डॉक्टर ज्योति ढींगड़ा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। मंच संचालन डाक्टर राजीव मुंजाल ने किया।