Edited By Chandra Prakash, Updated: 03 Aug, 2024 04:28 PM
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बोलते हुए नजर आए । इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने का काम किया। मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जादूगर ने बड़ा जादू किया। बिज़ली खरीदने...
कांग्रेस उधार का सांप हमारे गले में डाल गई- हीरालाल नागर
जयपुर, 3 अगस्त 2024 । प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बोलते हुए नजर आए । इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने का काम किया। मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जादूगर ने बड़ा जादू किया। बिज़ली खरीदने के पैसे तो थे नहीं। इसलिए उधार (बैंकिंग) की बिज़ली ली, साथ ही यह यह बिज़ली सर्दियों में ली और गर्मी में वापस लौटाने का वादा कर दिया। क्योंकि मालूम था कि हम तो आएंगे नहीं। इसलिए यह उधार का सांप हमारे गले में डाल गए।
कांग्रेस के पास बिजली खरीदने के पैसे नहीं थे- हीरालाल नागर
उन्होंने कहा कि ये लोग मोबाइल और राशन किट बांट रहे थे। इनके पास बिज़ली खरीदने के पैसे तो थे नहीं। आज हम इनके द्वारा ली गई करीब 35,234 लाख यूनिट बिज़ली में से करीब 24 हज़ार लाख यूनिट बिज़ली लौटा चुके हैं। वहीं अगले दो महीनों में हमें 11 हज़ार लाख यूनिट बिज़ली लौटानी हैं । ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार हज़ार करोड़ के कोयले के स्थान पर साढ़े 18 हज़ार करोड़ रुपए में इंर्पोटेड कोयले की खरीद की । यह आपके कारनामे थे। आपने ऐसा क्यों किया ?, किसी तरह का फायदा तो आपको हो रहा था ।
पूर्व सरकार स्थिर नहीं थी- ऊर्जा मंत्री
उन्होंने कहा कि अगर हम हमारी आंवटित माइन्स में माइनिंग नहीं करते है तो कोल इंडिया हमें 40 प्रतिशत ज्यादा राशि पर कोयला देता है। आपने ज्यादा राशि देकर कोयला खरीदा। उस समय जो ज्यादा रेट लगी। उसकी वज़ह से आज हमें फ्यूल सरचार्ज लगाना पड़ रहा हैं। क्योंकि पावर प्लांट की फिक्स कोस्ट के अलावा वैरिबल कोस्ट अलग होती है। जो इन सब चीजों से बढ़ती हैं। इनकी सरकार स्थिर नहीं थी, इसलिए इन्होंने एक भी पावर प्लांट नहीं लगाया ।
कांग्रेस की सरकार का अधिकतर समय तो होटलों में निकला- ऊर्जा मंत्री नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार का अधिकतर समय तो होटलों में निकला। इनकी सरकार स्थिर ही नहीं रही। इसलिए इन्होंने सोचा कि पावर प्लांट क्यों लगाए ? कब सरकार सत्ता से चली जाए, लेकिन हमारी सरकार डबल इंज़न की सरकार हैं। हमने आते ही लॉग टर्म प्लानिंग की हैं। शक्ति पॉलिसी के तहत हमने 3200 मेगा वॉट के थर्मल औऱ आठ हज़ार मेगा वॉट के सोलर प्लांट लगाने की निविदाएं जारी कर दी हैं । इसके अलावा हमने उत्पादन निगम और केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 3,325 कोल बेस और 28 हज़ार 500 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा के एमओय़ू भी किए हैं । जिसकी लागत करीब 1 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए हैं ।