Edited By Rahul yadav, Updated: 07 Jan, 2025 06:55 PM
जैसलमेर के बइया गांव में ओरण बचाने के लिए पिछले 62 दिनों से चल रहा धरना समाप्त हो गया। क्योंकी शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी और ओरण बचाओ संघर्ष समिति के आगे आखिरकार प्रशासन व अडानी सोलर प्लांट कम्पनी को झुकना पड़ा और 812 बीघा जमीन को ओरण में दर्ज...
जैसलमेर: बइया गांव में 62 दिन से चल रहा ओरण बचाओ आंदोलन समाप्त
जैसलमेर जिले के बइया गांव में ओरण (सामुदायिक भूमि) को बचाने के लिए ग्रामीणों का 62 दिनों से जारी धरना आखिरकार समाप्त हो गया। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और ओरण बचाओ संघर्ष समिति के प्रयासों के बाद प्रशासन और अडानी सोलर प्लांट कंपनी को झुकना पड़ा। प्रशासन ने लिखित आदेश जारी कर 812 बीघा जमीन को ओरण में दर्ज करने का वादा किया। इस फैसले से धरने पर बैठे ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
812 बीघा जमीन को ओरण में दर्ज करने का फैसला
प्रशासन ने विवादित जमीन को ओरण के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का वादा किया और निजी कंपनी को दूसरी जगह जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त करने पर सहमति जताई।
धरने के दौरान शिव विधायक की भूमिका
यह विवाद तब शुरू हुआ जब सरकार ने बइया गांव में निजी सोलर कंपनी को 812 बीघा जमीन आवंटित की, जिसे ग्रामीण ओरण की जमीन बताते हुए विरोध कर रहे थे। इस विरोध के चलते निजी कंपनी का काम रोक दिया गया। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ग्रामीणों का समर्थन किया और प्रशासन से बातचीत की। हालांकि, इस दौरान विधायक पर राजकार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया गया।
सोलर कंपनी ने काम फिर शुरू किया
धरना समाप्त होने के बाद सोमवार को कंपनी ने गांव की सरहद पर सब-स्टेशन का काम फिर से शुरू किया। काम के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
ओरण बचाने की ग्रामीणों की जीत
यह आंदोलन ग्रामीणों की सामूहिक ताकत और ओरण बचाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है। हालांकि, अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन कब तक जमीन को ओरण के रूप में रिकॉर्ड में दर्ज करता है।
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