झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अब आ रहे जर्जर स्कूलों के हालात, ग्रामीण हुए जागरूक

Edited By Chandra Prakash, Updated: 26 Jul, 2025 06:16 PM

condition of dilapidated schools after jhalawar school accident

राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के एक स्कूल में हुए हादसे के बाद अब बारां जिले के स्कूलों के हालात भी सामने आने लगे हैं। जागरूक हुए ग्रामीण इस मामले को लेकर गंभीर होते हुए अधिकारियों को ज्ञापन देकर जर्जर अवस्था को सुधारे जाने की मांग...

बारां, 26 जुलाई 2025 । राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के एक स्कूल में हुए हादसे के बाद अब बारां जिले के स्कूलों के हालात भी सामने आने लगे हैं। जागरूक हुए ग्रामीण इस मामले को लेकर गंभीर होते हुए अधिकारियों को ज्ञापन देकर जर्जर अवस्था को सुधारे जाने की मांग तक कर रहे हैं ।

जिला मुख्यालय से सटे रारोती गांव में तो ग्रामीणों ने विद्यालय के जर्जर भवन को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को दोपहर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर जर्जर विद्यालय भवन के पुनः निर्माण की मांग की। साथ ही सोमवार को स्कूल गेट पर ताला लगाने की चेतावनी भी दे डाली है। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय की हालात दयनीय बनी हुई है। बरसों से विद्यालय भवन की मरम्मत नहीं होने से विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ष अवस्था में हैं। जिसमें कभी भी बडा हादसा हो सकता है।

ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि हाल में झालावाड जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में एक स्कूल में हुई घटना से ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत है। विद्यालय में लगभग 7 कमरे है, जिसकी छत टपकती है। कई कमरों की तो पटिटयां तक टूट चुकी है। विद्यालय में बच्चों और टीचरों को जान का खतरा है। जर्जर भवन के कारण अध्यापक व बालक-बालिकाओं में भय बना हुआ है। कई बच्चे तो अब स्कूल आने से भी डरने लग गए हैं। ग्रामीणों व अध्यापकों द्वारा शिक्षा विभाग को विद्यालय का पुनः निर्माण की मांग को लेकर कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने 28 जुलाई सोमवार को सुबह स्कूल गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में शिवराज मीणा, राजेंद्र मीणा, विशाल मीणा, मुकेश मीणा, शिवराज बैरवा, नितेश योगी एवं समस्त ग्रामीण मौजूद रहे।

जर्जर भवन का खतरा, विद्यालय बंद करने का निर्णय
उधर, अटरू क्षेत्र के ग्राम खरखड़ा आसन में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर भवन स्थिति को लेकर गांववासियों के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) अध्यक्ष लोकेश मीणा ने गंभीर चिंता जताई और मुख्य शिक्षा ब्लॉक अधिकारी, अटरू को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में उल्लेख किया है कि विद्यालय के कुल 8 कमरों में से 4 कमरे पूर्णतः जर्जर अवस्था में हैं। शेष कमरों की छतें भी बारिश में टपकती हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ जीवन भी खतरे में है। जहां पोषाहार बनाया जाता है, वह रसोई कक्ष भी 50 वर्षों से अधिक पुराना है और पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। जब तक स्थाई समाधान नहीं किया जाता, तब तक विद्यालय को अनिश्चितकालीन रूप से बंद रखा जाएगा। ग्रामवासियों ने भी इस निर्णय को समर्थन देते हुए कहा कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग करते हैं।

जिले के 167 विद्यालय जर्जर हालत में
आपको बता दू कि बारां जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के कुल 1230 सरकारी स्कूल है। इनमें प्राथमिक विद्यालय 514, उच्च प्राथमिक 372 तथा 344 उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित है। शिक्षा विभाग के हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार 167 विद्यालय जर्जर हालत में पाए गए। इस वक्त कई स्कूलों में कक्षा कक्ष तो कहीं भवनो की दीवारों से क्षतिग्रस्त है। इतना ही नहीं जिले के दर्जनों जर्जर स्कूल कई वर्षों से मरम्मत का इंतजार कर रहे हैं लेकिन प्रशासन तथा शिक्षा विभाग का ध्यान नहीं है।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!