CMHO ऑफिस सील, बाहर बैठे कर्मचारी, कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई

Edited By Chandra Prakash, Updated: 25 Jul, 2024 06:59 PM

cmho office sealed employees sitting outside

कोर्ट के आदेश पर CMHO ऑफिस परिसर सील होने के दूसरे दिन गुरुवार को कर्मचारी निर्धारित समय पर ऑफिस पहुंचे । जहां मेन गेट पर ताला लगा होने के कारण कोई भी कर्मचारी अंदर नहीं जा सका। मजबूरन सभी ऑफिस के सामने एक चाय की होटल पर बैठे रहे। इस दौरान एक लोडिंग...

सिरोही,  25 जुलाई 2024 ।  कोर्ट के आदेश पर CMHO ऑफिस परिसर सील होने के दूसरे दिन गुरुवार को कर्मचारी निर्धारित समय पर ऑफिस पहुंचे । जहां मेन गेट पर ताला लगा होने के कारण कोई भी कर्मचारी अंदर नहीं जा सका। मजबूरन सभी ऑफिस के सामने एक चाय की होटल पर बैठे रहे। इस दौरान एक लोडिंग टेंपो दवाइयों के पैकेट लेकर आया, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण लोडिंग टेंपो वाला बिना किसी से कोई बात किए वहां से वापस लौट गया।  सीएमएचओ दोपहर तक नहीं पहुंचे। 

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हालांकि आबूरोड कोर्ट के आदेश पर सीएमएचओ ऑफिस परिसर को बुधवार को पूरी तरह सील किया जा चुका है। कोर्ट के आदेश पर हुई सील कार्रवाई के दूसरे दिन गुरुवार को सरकारी कर्मचारी उनके कार्यालय पहुंचे । इस दौरान उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी यह आई कि उपस्थिति कहां पर दर्ज करवाई जाए। ऑफिस में बायोमेट्रिक पद्धति है, लेकिन बाहर सड़क पर क्या करें ।

ऐसे में सभी कर्मचारी उनके कार्यालय के सामने स्थित दुकान के पास बैठे नजर आए। इन कर्मचारियों में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप यादव भी मौजूद रहे। सुबह करीब 11:30 बजे तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार इस दौरान वहां नजर नहीं आए। आपको बता दें कि सड़क हादसे में मृतक के परिजनों को कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा नहीं देने पर ऑफिस को सील किया गया था

यह है पूरा मामला
आबू रोड MACT न्यायालय के आदेश पर बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को सीज करने की कार्रवाई शुरू की गई। सड़क हादसे में मृतक के परिजनों को कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा न देने पर यह कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने साल 2018 में 18 लाख 61 हजार 150 रुपए मुआवजे के तौर पर जमा कराने के आदेश दिए थे। जिसकी पालना न होने पर कोर्ट ने 8 जुलाई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को सीज करने के आदेश जारी किए थे।

वर्ष 2018 में जमा कराने के दिए थे आदेश  
जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2016 को एक सड़क हादसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नाम से रजिस्टर्ड एम्बुलेंस की टक्कर से अल्पेश सेन पुत्र मीठालाल सेन की मौत हो गई थी, जबकि उसका एक साथी गंभीर रूप से घायल हो गया था। ऐसे में पीड़ित परिवार ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने वर्ष 2018 में चिकित्सा विभाग को मुआवजे के तौर पर 18 लाख 61 हजार 150 रुपए जमा करवाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन उक्त राशि जमा नहीं करवाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बार-बार आश्वासन दिया जाता रहा। इसके चलते ADJ प्रथम न्यायालय आबूरोड ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय परिसर को सीज करने के आदेश जारी कर दिए। इन आदेशों के तहत बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे के बाद से सीज की कार्रवाई शुरू की गई।

ब्याज का करेंगे दावा 
मामले में पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि मूलधन के अलावा ब्याज के लिए भी अलग से दावा करेंगे। बेटे की मौत के बाद उसकी मां का निधन हो चुका है। पिता भी मानसिक रूप से परेशान है। घर में मृतक की पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है। जिनके खाने-पीने और शिक्षा का पूरा खर्च अभी उनके पिता उठा रहे हैं।
 

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