कुंजकेतू योग में दो क्रूर ग्रहों की चाल रही भारी, अहमदाबाद प्लेन जैसे हादसे पर पहले ही थी ज्योतिषी चेतावनी

Edited By Sourabh Dubey, Updated: 12 Jun, 2025 05:34 PM

astrologers had already warned about an accident like ahmedabad plane crash

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देशवासियों को सकते में डाल दिया है. इस विमान हादसे को लेकर कई सवाल हैं. लेकिन ज्योतिषियों ने पहले से ही ऐसे हादसों की आशंका जाहिर कर दी थी. इसके पीछे ग्रहों की ऐसी विशेष स्थितियां हैं जिससे देश-दुनिया में ऐसी...

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देशवासियों को सकते में डाल दिया है. इस विमान हादसे को लेकर कई सवाल हैं. लेकिन ज्योतिषियों ने पहले से ही ऐसे हादसों की आशंका जाहिर कर दी थी. इसके पीछे ग्रहों की ऐसी विशेष स्थितियां हैं जिससे देश-दुनिया में ऐसी घटनाएं होने की आशंकाएं प्रबल थी. पंजाब केसरी में दो जून को प्रकाशित खबर में ज्योतिषाचार्य पं. अनीस व्यास ने इस बारे में संकेत दे दिए थे कि ग्रहों का सेनापति मंगल सात जून को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन मंगल, सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 28 जुलाई तक मंगल इसी राशि में विराजमान रहेंगे।  ज्योतिषी गणनाओं में मंगल का राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष विज्ञान में मंगल ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति माना जाता है। मंगल का राशि परिवर्तन सभी राशियों पर प्रभाव डालता है। मंगल को साहस, ऊर्जा, भूमि, शक्ति और शौर्य का कारक माना जाता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास के अनुसार मंगल ग्रह ने 7 जून को सिंह राशि में प्रवेश किया और इसमें 28 जुलाई तक मंगल, सिंह राशि में रहेंगे। 

जानिए क्या होता है सिंह राशि में मंगल ग्रह के आने का मतलब : 

मंगल को ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य,  गतिशीलता और जीवन शक्ति का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल ग्रह का ज्योतिष विज्ञान में विशेष महत्व है। हर व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह विशेष प्रभाव डालता है और इसलिए जब मंगल ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका भी जीवन में कुछ सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव जरूर होता है। मंगल का राशि परिवर्तन कुछ विशेष राशियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 7 जून को मंगल सिंह राशि में प्रवेश किया जहां पहले से ही केतु विराजमान हैं। जब दो क्रूर ग्रहों की युति होती है तो कुंजकेतु योग बनता है। जो अशुभ होता है। इसके अतिरिक्त ज्योतिष की एक उक्ति के अनुसार 'शनिवत राहु व कुन्ज वत केतु' अर्थात राहु शनि के सामान और केतु मंगल के सामान फल देता है। मेदिनी ज्योतिष में राहु और केतु के राशि और नक्षत्र में गोचर से नकारात्मक घटनाओं जैसे अग्निकांड, महामारी , दुर्घटना, राजनीतिक उठापटक, जातिवाद, धार्मिक उन्माद आदि की भविष्यवाणी की जाती है।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी नौ ग्रहों का अपना स्वभाव और अलग-अलग कारक तत्व होते हैं। ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ भाव में होते हैं ऐसे लोग काफी बुद्धिमान, प्रतापी और ऊर्जावान होते हैं। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है। मंगल ग्रह कर्क राशि में ही नीच के और मकर राशि में उच्च राशि के माने जाते हैं। 

सिंह राशि में मंगल और केतु की युति

7 जून को मंगल सिंह राशि में प्रवेश किया, जहां पहले से ही केतु विराजमान हैं। जब दो क्रूर ग्रहों की युति होती है तो कुंजकेतु योग बनता है। जो अशुभ होता है। मंगल और केतु की युति सिंह राशि में होने जा रही है। मंगल जो एक अग्नि तत्व के ग्रह हैं और केतु जो एक छाया ग्रह है दोनों की युति अग्नि तत्व की राशि सूर्य में होने बेहद विनाशकारी साबित होने वाला है। ऐसे में मंगल और केतु की युति कुजकेतु योग बनाएगी। वैदिक ज्योतिष में मंगल को पराक्रम, साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक ग्रह बताया गया है। जबकि केतु मोक्ष, वैराग्य और आध्यात्म का कारक ग्रह है। जब भी मंगल और केतु सिंह राशि से गोचर करते हैं जो भी घटनाएं होंगी वो अपने आप में स्पेशल होगी। मंगल और केतु भारत के फोर्थ हाउस में आने वाले हैं। एक नहीं दो नहीं तीन-तीन अग्नि तत्व इस समय में भारतवर्ष की कुंडली में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। आखिरी बार अगस्त 1989 में मंगल और केतु सिंह राशि में इकट्ठे हुए थे। उस समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री जो वी.पी सिंह थे उस समय की राजनीति में एक भूकंप ला दिया था। इस घटना ने पूरे के पूरे आने वाली हिस्ट्री को बदल के रख दिया था। यही घटना थी जिसने 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन वाली जो हृदय विदारक घटना थी उसको भी जन्म दिया था। 7 जून से लेके 28 जुलाई 2025 के बीच में मंगल और केतु यह सिंह राशि से गोचर करने वाले हैं। और इस बार यह समय है 51 दिन का। यह 51 दिन है इनमें जो भी घटनाएं होंगी वो अपने आप में स्पेशल होंगी। इन दिनों में जो भी कुछ घटनाक्रम होंगे कई बार वो बीज का काम करेंगे जिसकी फसल आने वाला समय काटेगा और ये फसल भी बड़ी महत्वपूर्ण होगी। ये हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाने वाले समय बनेंगे।

मंगल का शुभ-अशुभ प्रभाव :  क्या हैं संभावनाएं, क्या हैं चुनौतियां  ?

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। दुर्घटना होने की आशंका है। देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी। भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है।

इस युति में मिलेगा ये फायदा भी....
ऐसा नहीं है कि मंगल और केतू और सिंह राशि में आना सिर्फ नुकसान और जनहानि का ही योग बना रहा है. इस ग्रह योग के चलते सुखद संभावनाएं यह भी हैं कि देश-दुनिया में जनजीवन सामान्य होगा। मौसम भी बदलेगा और बारिश भी अच्छी होगी। इसके अलावा देश में आपदा में भी कमी आएगी। वैज्ञानिकों को सफलता मिलेगी तथा बीमारियों के इलाज में सफलता प्राप्त होगी। लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी। राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। 

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