जैसलमेर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा, केमिकल की बोतल खोलने के दौरान धमाका, मचा हड़कंप

Edited By Chandra Prakash, Updated: 02 Sep, 2024 03:20 PM

a big accident happened due to the negligence of the medical department

जैसलमेर में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है। दरअसल, एंटिलार्वा दवाइयों का छिड़काव इन दिनों जैसलमेर में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा घर-घर करवाया जा रहा है। जिससे कि मलेरिया व डेंगू का खतरा कम हो सके। ऐसे में...

जैसलमेर, 2 सितंबर 2024 । जैसलमेर में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है। दरअसल, एंटिलार्वा दवाइयों का छिड़काव इन दिनों जैसलमेर में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा घर-घर करवाया जा रहा है। जिससे कि मलेरिया व डेंगू का खतरा कम हो सके। ऐसे में एंटीलार्वा दवाई ही एक आशा सहयोगिनी के लिए जान पर आफत बनकर सामने आई है। 

दरअसल जैसलमेर के केंद्र नंबर 9 की आशा सहयोगिनी मंजू भाटी  रविवार को फील्ड के दौरान घरों में एंटी लार्वा दवाई का छिड़काव कर रही थी। इस दौरान एंटीलार्वा केमिकल की बोतल खोलने के दौरान एक धमाका हुआ और उससे निकला लिक्विड मंजू भाटी के चेहरे पर जा गिरा। जिससे मंजू का चेहरा, आंखे और हाथ जल गए, जबकि पास खड़ी महिला संजू के चेहरे पर छींटे लगने से दाग जम गए। ऐसे में दोनों घायलों को जैसलमेर के जवाहिर अस्पताल लाया गया। जहां मंजू के साथ ही काम करने वाली आशासहयोगिनी सुनीता गर्ग ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज करने से ही मना कर दिया। चिकित्सालय के चिकित्सकों ने मुकदमा दर्ज करवा कर इलाज करने की बात कही। जिस पर हमने चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों को भी सूचित किया, लेकिन अभी तक उसके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई मदद सामने नहीं आई है।

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ऐसे में आशा सहयोगिनियों में भय का माहौल है और उनका कहना है कि अब वे यह केमिकल युक्त लिक्विड लोगों के घरों में छिड़केगी नहीं। वही आशा सहयोगिनी सुनीता गर्ग का आरोप है कि यह एक बड़ी मारने की साजिश हो सकती है, उन्हें इसके लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। न ही ग्लब्स दिए गए है। यदि इस केमिकल के प्रभाव जानलेवा है तो वह आगे से यह काम नहीं करेगी। वहीं परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक के साथ ऐसी वारदात होने के बाद भी स्वास्थ्य महकमें से कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया हैं। और न ही उन्हें संतोषजनक जवाब दिया जा रहा है। अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ? 

वही रात्रि को मंजू जंगा की तबीयत बिगड़ती देख आशा सहयोगी मंजू भाटी के घर पहुंची, कुछ देर पश्चात उमेश कुमार पारीक पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर भी पीड़ित के घर पहुंचे और मंजू के स्वास्थ्य की जानकारी ली और बताया कि एंटीलार्वा खतरनाक होता है, इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है, जो भी हुआ है उसके हम ही जिम्मेदार है, पीड़ित का इलाज करवाएंगे। पीड़िता मंजू जंगा के पिता मोहन सिंह ने बताया कि घायल बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने नॉर्मल उपचार कर घर जाने की सलाह दी । घर आकर पड़ोसी की मदद ली लापरवाही को देखते हुए बताया कि आशा सहयोगिनी जल करके मर जाएगी । यह एक साजिश रची हुई है, इनका भविष्य खतरे में है । शुक्र मानिए पास में बच्चे नहीं थे अगर बच्चे होते तो वह भी जल जाते। हम गरीब है किसी ने हमारी सुध नहीं ली, सुबह थाने जाकर मामला दर्ज करवाएंगे।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीएल बुनकर ने बताया कि मच्छर मारने वाले एमएलओ में तीन चीज होती है पहला केरोसिन दूसरा डीजल तीसरा जला हुआ तेल तीनों का कॉन्बिनेशन होता है और एमएलओ बनता है यह पानी के गंदे भराव की जगह डालना होता है आशा सहयोगिनी ने जैसे ही यह बोतल खोली केमिकल रिएक्शन प्रेशर के साथ हुआ पीड़ित का चेहरा हाथ जल गया। विभाग में काम करते हैं तो ऐसी चीजे दी जाती है और काम करना पड़ता है। आशाएं 10 साल से काम कर रही है पहले ऐसा नहीं हुआ अब ऐसा मामला सामने आया है तो आगे सेफ्टी रखी जाएगी और पता करवाते हैं किस-किस आशा सहयोगिनी को ऐसा केमिकल दिया गया है उनसे लेकर वापस जमा करवाएंगे और ऐसा नहीं होना चाहिए।
 

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