Edited By Chandra Prakash, Updated: 05 Jun, 2025 12:07 PM

दौसा जिले के बांदीकुई में 2 जून 2025 को नंद स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेंटर पर एक अनूठा विवाह हुआ जिससे जिले भर में चर्चा की विषय बना है। उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी 32 साल की राधा दीदी ने भगवान शिव से विवाह रचाया। जो इन...
दौसा, 5 जून 2025 । दौसा जिले के बांदीकुई में 2 जून 2025 को नंद स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेंटर पर एक अनूठा विवाह हुआ जिससे जिले भर में चर्चा की विषय बना है। उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी 32 साल की राधा दीदी ने भगवान शिव से विवाह रचाया। जो इन दिनों बाद चर्चा का विषय बना हुआ है। बांदीकुई सेंटर पर पहली बार आयोजित हुए इस तरह के विवाह को देखने के लिए भारी तादाद में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बारात निकली, हल्दी, मेहंदी की रस्म अदा की गई उसके बाद शिवलिंग को वरमाला डालकर सात फेरे की रस्म के निभाई गई । शिवजी से विवाह करने वाली उत्तर प्रदेश के हाथरस की निवासी राधा दीदी ने बताया कि वर्ष 2014 में हाथरस से बीएससी पास किया। मन से भगवान शिव की आराधना में लगा हुआ था। जिसके बाद प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विवि से जुड़ी। इसके बाद बांदीकुई सेंटर पर रहने लगी। जहां 11 साल से लगातार भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद सोमवार को भगवान शिव से विवाह किया।
सेंटर प्रभारी ममता दीदी ने बताया कि बांदीकुई में सेंटर पर इस प्रकार का विवाह पहली बार हुआ है। 17 जून से 21 जून तक माउंट आबू में बड़ा आयोजन होगा। जिसमें देशभर से इस प्रकार के विवाह करने वाली दीदियों को संकल्प प्रमाण पत्र सौंपे जावेगे ।गोल्ड मैडल भी दिया जावेगा। सेंटर प्रभारी ममता दीदी का कहना था कि भगवान शिव से इस तरह विवाह करने के लिए करीब 15 से 17 साल तक शिव की अराधना करनी होती है। ब्रम्हा कुमारी से जुड़ी ऐसी महिलाएं जो गृहस्थ जीवन में नहीं है। वो ही इस तरह विवाह कर सकती हैं। विवाह के बाद उन्हें पूरे संसार को अपना परिवार मानना पड़ता है।

माता-पिता की बिना अनुमति के नहीं होता ऐसा विवाह
राधा दीदी की मां प्रेमवती व मामा इंदु कुमार ने कन्यादान किया। राधादीदी ने बताया बिना माता पिता के ऐसे विवाह नहीं होते हैं माता की अनुमति से यह विवाह हुआ है राधा दीदी ने जानकारी देते हुए बताया जब 8 साल की थी तब उसके पिता रोरन सिंह की हादसे मौत हो गई थी। राधा ने हाथरस में बीएससी उत्तीर्ण कर 65 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे । इस अनूठे विवाह समारोह में दूल्हे के रूप में केवल शिवलिंग था। लेकिन यहां अन्य रस्में विवाह जैसी की गई थी। इस विवाह का आयोजन बांदीकुई के नंदगांव कालोनी में निजी मैरिज गार्डन रखा गया था ।