Edited By Rahul yadav, Updated: 08 Nov, 2024 02:40 PM
दौसा जिले में विप्र गोयल जातिगत राजनीति की सीमाओं को पार करते हुए गांव-गांव जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उनके जल, बिजली और रोजगार से संबंधित विकास मॉडल ने युवाओं और बुजुर्गों में नई उम्मीद जगाई है। गोयल का नेतृत्व राजस्थान में समृद्धि और समावेशी...
दौसा जिले में विप्र गोयल जातिगत राजनीति की सीमाओं को पार करते हुए गांव-गांव जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उनके जल, बिजली और रोजगार से संबंधित विकास मॉडल ने युवाओं और बुजुर्गों में नई उम्मीद जगाई है। गोयल का नेतृत्व राजस्थान में समृद्धि और समावेशी विकास का वादा करता है, जो जाति से परे है।
जातिगत बंधनों से बाहर, विकास की बात
विप्र गोयल ने अपने अभियान में दौसा जिले के थूमड़ी पंचायत, छारेड़ा, बैजवाड़ी, जागवाला, मोहनपुरा, अभयपुरा, चुड़ियावास, बागपुरा, नांगल राजावतान जैसे इलाकों का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उनसे संवाद किया। गोयल का मानना है कि वर्तमान समय में चुनी हुई सरकारें अगर समुचित बजट और नीति का सही उपयोग करें, तो हर गाँव और हर परिवार तक पानी, बिजली और रोजगार की सुविधाएं आसानी से पहुँच सकती हैं।
पानी-बिजली और रोजगार की समुचित व्यवस्था
विप्र गोयल के अनुसार, राजस्थान में हर खेत पर पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए घर-घर और खेत-खेत में सोलर पैनल और सोलर पंपसेट की व्यवस्था की जा सकती है। इसके अलावा, किसानों को व्यापारिक फसल उपजाने में मदद दी जाए, ताकि उनकी फसलों को अच्छे दामों में बेचा जा सके। रोजगार के अवसर हर घर तक पहुँच सकें, ताकि युवा वर्ग को दर-दर भटकना न पड़े। गोयल का कहना है कि यदि सही योजना बनाई जाए, तो राजस्थान के हर घर में खुशहाली लाई जा सकती है।
जनता को जागरूक करना, उनका साथ लेना
विप्र गोयल का मानना है कि प्रजातंत्र का असली अर्थ जनता को जागरूक करना और उन्हें अपने विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। गोयल का यह कहना है कि वह अब हर गाँव में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं और उनके विकास के लिए ठोस कार्यनीति बना रहे हैं। वे हर व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनका विकास संभव है और यह केवल राजनीति की लुभावनी बातों से संभव नहीं है, बल्कि ठोस कार्यनीति से ही वास्तविकता में बदला जा सकता है।
जातिगत राजनीति से अलग, एक नई दिशा
विप्र गोयल का कहना है कि चुनावों के समय जातिगत राजनीति को आधार बनाने से समाज का सही विकास नहीं हो सकता। गोयल के अनुसार, हम सभी जातियों के लोग एक समान हैं, चाहे वे खेती में हों, व्यवसाय में हों, या विभिन्न सेवाओं में। इसलिए जातिगत आधार पर चुनाव लड़ना समाज के लिए हानिकारक है। उनके इस विचार से युवाओं और बुजुर्गों में आशा की किरण जगी है। लोग उन्हें समर्थन दे रहे हैं और एक शिक्षित, समझदार और कर्मठ नेता के रूप में देख रहे हैं।
जनता के समर्थन से विप्र गोयल का भविष्य
विप्र गोयल के जागरूकता अभियान से दौसा जिले के लोग एक नई सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनकी इस मुहिम को देखकर ऐसा लगता है कि जनता उन्हें न केवल समर्थन दे रही है, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में देख रही है, जो जातिगत राजनीति से परे जाकर समाज के विकास के लिए कार्य करना चाहता है। यदि उनका समर्थन इसी प्रकार बना रहता है, तो विप्र गोयल एक राष्ट्रीय पार्टी के राजनीतिक समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
विप्र गोयल का गाँव-गाँव और घर-घर जागरूकता अभियान दौसा जिले में बदलाव की एक नई लहर ला रहा है। लोग अब जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर एक शिक्षित और कर्मठ नेता की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। विप्र गोयल का उद्देश्य समाज के विकास के लिए एक ठोस कार्यनीति को लागू करना है, और उनके इस प्रयास से दौसा और राजस्थान के लिए एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।