Edited By Liza Chandel, Updated: 22 Jan, 2025 03:49 PM
ब्यावर जिले में एक और घटना सामने आई, जहां खेत जा रही 10 वर्षीय बच्ची पर तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर उसकी मां ने बहादुरी दिखाते हुए डंडे से वार कर तेंदुए को भगाया, जिससे बच्ची की जान बच गई। घायल बच्ची को इलाज के लिए राजकीय...
राजस्थान में तेंदुओं का आतंक: बढ़ते हमले और ग्रामीणों की दहशत
1. उदयपुर और आसपास के जिलों में बढ़ते तेंदुए के हमले
राजस्थान में तेंदुओं के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उदयपुर और अन्य जिलों में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग इन हमलों का शिकार हो चुके हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है।
2. ब्यावर जिले में 10 वर्षीय बच्ची पर हमला
- ब्यावर जिले के जवाजा थाना क्षेत्र के सूरजपुरा सोनियाना गांव में 10 वर्षीय हेमलता पर तेंदुए ने हमला किया।
- खेत जाते समय तेंदुए ने बच्ची के सीधे हाथ को जकड़ लिया।
- माँ चंदादेवी ने बहादुरी दिखाते हुए डंडे से वार कर तेंदुए को भगाया।
- घायल हेमलता को उपचार के लिए जवाजा अस्पताल ले जाया गया और बाद में ब्यावर रेफर किया गया।
3. पाली जिले में बाइक सवारों पर पैंथर का हमला
- गुड़ा भोप सिंह-घाणेराव मार्ग पर दो बाइक सवारों पर तेंदुए ने हमला किया।
- हमले के दौरान तेंदुआ आधा किलोमीटर तक बाइक का पीछा करता रहा।
- पीछे बैठे युवक की कमर पर तेंदुए के पंजे के गहरे घाव आए और हाथों पर भी खरोंचें आईं।
4. ग्रामीणों में भय और वन्यजीवों का बढ़ता खतरा
- तेंदुओं के बढ़ते हमले गांवों में दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं।
- जंगलों के पास रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
5. वन्यजीव संघर्ष के कारण और समाधान
- विशेषज्ञों का मानना है कि मानव बस्तियों के बढ़ने और जंगलों में घटते प्राकृतिक संसाधनों के कारण तेंदुए गांवों में आ रहे हैं।
- वन विभाग को तेंदुओं के संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।
- ग्रामीणों को सतर्कता और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
6. प्रशासन से मांग: स्थायी समाधान की जरूरत
- वन विभाग को तेंदुओं की बढ़ती आबादी और उनके रिहायशी इलाकों में घुसने की समस्या पर ध्यान देना चाहिए।
- वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद से इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
- ग्रामीणों को आत्मरक्षा और तेंदुए के हमले से बचने के उपाय सिखाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।