Edited By Liza Chandel, Updated: 04 Feb, 2025 07:10 PM
देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में आज नरेश मीणा की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस इस मामले में 11 फरवरी...
नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में आज नरेश मीणा की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस इस मामले में 11 फरवरी को चालान पेश करेगी। इस पर अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
14 नवंबर से हिरासत में नरेश मीणा
एसडीएम को थप्पड़ मारने और समरावता हिंसा प्रकरण में नरेश मीणा 14 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं। समरावता हिंसा प्रकरण में पुलिस पहले ही चालान पेश कर चुकी है।
उपचुनाव के दिन थप्पड़ मारने की घटना
देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे और अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगा रहे थे। इसी दौरान नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर पहुंचे और एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया।
हिंसा और आगजनी की घटनाएँ
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस धरने पर बैठ गए। इस बीच, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव बढ़ गया। जब पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया, तो उनके समर्थक भड़क उठे। सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस बल से भिड़ गए और नरेश मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और ग्रामीणों पर पथराव का आरोप लगाया। इस दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
चार एफआईआर दर्ज, दो में गिरफ्तारी
पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ नगर फोर्ट थाने में चार एफआईआर दर्ज की हैं।
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पहली एफआईआर एसडीएम अमित चौधरी ने दर्ज करवाई, जिसमें नरेश पर ईवीएम से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगाया गया।
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दूसरी एफआईआर पुलिस ने दर्ज की, जिसमें नरेश पर आगजनी का आरोप है। इन दोनों मामलों में नरेश को गिरफ्तार किया गया है।
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तीसरी एफआईआर हाईवे जाम करने को लेकर दर्ज की गई।
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चौथी एफआईआर रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ करने के आरोप में दर्ज हुई। इन दोनों मामलों में अभी नरेश मीणा की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
रिहाई में बाधा डालने का आरोप
नरेश मीणा के अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस प्रशासन उन्हें जेल में बनाए रखने की साजिश कर रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि इन दोनों मामलों में नरेश को जमानत मिल जाती है, तो पुलिस अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर उनकी रिहाई रोक सकती है।