अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को लेकर गहलोत का वार !

Edited By Liza Chandel, Updated: 12 Feb, 2025 04:37 PM

gehlot s attack on english medium schools

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश के सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले...

महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे: अशोक गहलोत

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश के सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अंग्रेजी कमजोर है, जिससे उन्हें रोजगार पाने में कठिनाई होती है। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ये स्कूल खोले थे।

अंग्रेजी शिक्षा की आवश्यकता

गहलोत ने कहा कि आज के दौर में अंग्रेजी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि देश और दुनिया में ज्यादातर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कॉरपोरेट जगत में अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग होता है। अगर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की अंग्रेजी कमजोर होगी तो वे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे और अच्छे अवसरों से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश में निजी स्कूलों की बढ़ती फीस को देखते हुए, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के पास अपने बच्चों को अच्छी अंग्रेजी शिक्षा दिलाने के लिए संसाधन नहीं होते। इसी को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की शुरुआत की गई थी।

"स्कूलों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन उपलब्ध कराए"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार ने केवल जिला मुख्यालयों पर विवेकानंद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उन स्कूलों को बंद करने के बजाय बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ उपलब्ध कराया। इसके अलावा, अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल भी खोले गए

उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार ने ये स्कूल खोले तो कई लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा सफल नहीं हो पाएगी। लेकिन आज ये स्कूल सफलता की मिसाल बन चुके हैं और हजारों बच्चे इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। गहलोत ने यह भी कहा कि सरकार को इन स्कूलों को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए

"मुख्यमंत्री ने खुद देखा इन स्कूलों का स्तर"

गहलोत ने यह भी उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हाल ही में जयपुर के मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल गए थे। उन्होंने कहा—
"मुझे लगता है कि वहां के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और बच्चों की नॉलेज देखकर मुख्यमंत्री अब इन स्कूलों को बढ़ावा देने का मन बना चुके होंगे।"

उन्होंने कहा कि सरकार को अब इन स्कूलों को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी शिक्षा मिल सके

"नई सरकार की नीति अस्पष्ट"

गहलोत ने कहा कि नई सरकार की नीति अभी तक अस्पष्ट है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को जल्द ही यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह इन स्कूलों को जारी रखेगी या नहीं

उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है, तो यह लाखों गरीब और मध्यम वर्गीय बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय होगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इन स्कूलों को लेकर अपनी नीतियों को स्पष्ट करे और अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम जारी रखे

"महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को और विस्तार देने की जरूरत"

गहलोत ने यह भी कहा कि इन स्कूलों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार को इनका विस्तार करना चाहिए और हर जिले और तहसील स्तर पर नए स्कूल खोलने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता होनी चाहिए और अच्छे शिक्षकों को ही नियुक्त किया जाना चाहिए

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना चाहती है, तो उसे इन स्कूलों का समर्थन करना चाहिए और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए

"अंग्रेजी शिक्षा के खिलाफ राजनीति नहीं होनी चाहिए"

गहलोत ने कहा कि कुछ लोग अंग्रेजी शिक्षा के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि अंग्रेजी अब एक वैश्विक भाषा बन चुकी है और हर क्षेत्र में इसकी जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमारे राज्य के बच्चे देश और दुनिया में प्रतिस्पर्धा कर सकें, तो हमें उन्हें अंग्रेजी में दक्ष बनाना ही होगा

गहलोत ने कहा कि शिक्षा राजनीति का विषय नहीं होनी चाहिए और सरकार को इस मुद्दे पर स्वार्थ से ऊपर उठकर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन स्कूलों को बंद करने की सोच रही है, तो यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम पीछे हटने जैसा होगा

"अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बंद करना सरकार की बड़ी भूल होगी"

गहलोत ने यह भी कहा कि अगर सरकार महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बंद करने का फैसला करती है, तो यह उसकी एक बड़ी भूल होगी। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इन स्कूलों को और अधिक विकसित करे और अधिक से अधिक बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा का लाभ उठाने दे

उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शिक्षा सिर्फ अमीरों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि गरीब और मध्यम वर्गीय बच्चों को भी इस अवसर का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे

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