Edited By Liza Chandel, Updated: 04 Feb, 2025 01:36 PM
कैबिनेट बैठक से ठीक एक दिन पहले राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तुत किया गया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करता है, तो इसे 'लव जिहाद'...
विधानसभा सत्र के बीच राजस्थान में कैबिनेट बैठक आज
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज शाम 4 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होगी। सीएमओ में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होने और उन्हें मंजूरी मिलने की संभावना है। विशेष रूप से विधानसभा में रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा, नई टाउनशिप नीति, युवा नीति और सेवा नियमों में संशोधन सहित कई अहम प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी जा सकती है।
विधानसभा में पेश हुआ धर्मांतरण विरोधी विधेयक
कैबिनेट बैठक से ठीक एक दिन पहले राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तुत किया गया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करता है, तो इसे 'लव जिहाद' माना जाएगा। यदि जांच में यह प्रमाणित होता है कि विवाह का उद्देश्य धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादी को अवैध घोषित करने का प्रावधान रखा गया है।
धर्म परिवर्तन से पहले अनिवार्य रूप से कलेक्टर को सूचित करना होगा
इस विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे 60 दिन पूर्व संबंधित जिला कलेक्टर को सूचित करना आवश्यक होगा। इस अवधि के दौरान प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि धर्म परिवर्तन छल, बल, या प्रलोभन के आधार पर नहीं किया गया हो। यदि जांच में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो दोषी व्यक्ति या संस्था पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अवैध धर्म परिवर्तन में मदद करने पर भी सजा का प्रावधान
धर्मांतरण विरोधी विधेयक में यह प्रावधान भी शामिल किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने में सहायता करता है, तो उसे भी अपराधी माना जाएगा। इस अपराध के लिए दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
विधेयक का उद्देश्य: धार्मिक शांति बनाए रखना
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य समाज में अनैतिक धर्मांतरण की घटनाओं को रोकना और धार्मिक शांति बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर कानून का रूप लेगा। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार के जबरन धर्मांतरण को रोकना और समाज में समरसता को बनाए रखना है।