Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 31 Jul, 2025 02:03 PM

जैसलमेर | राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान के चेतक कोर ने बुधवार को ‘क्षमता संवर्धन प्रदर्शन’ का आयोजन किया। इस अवसर पर सेना की आधुनिक ड्रोन युद्धकला, निगरानी प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल का प्रभावशाली...
जैसलमेर | राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान के चेतक कोर ने बुधवार को ‘क्षमता संवर्धन प्रदर्शन’ का आयोजन किया। इस अवसर पर सेना की आधुनिक ड्रोन युद्धकला, निगरानी प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल का प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया। जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल धवन ने जानकारी दी कि प्रदर्शन के दौरान ड्रोन के निगरानी, सशस्त्र और ‘कामिकेज़ वेरिएंट’ जैसे स्वरूपों की क्षमताएं प्रदर्शित की गईं। साथ ही ड्रोन-विरोधी अभियानों के लिए भारतीय सेना द्वारा विकसित किए गए नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों की झलक भी देखने को मिली। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे चुनौतीपूर्ण माहौल में वायु क्षेत्र उपयोगकर्ताओं के संचालन कौशल को भी प्रमाणित किया गया।
कार्यक्रम में सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने भाग लिया और प्रदर्शन में शामिल सैन्य टुकड़ियों की तकनीकी दक्षता और आत्मनिर्भर क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में तकनीकी कौशल और नवाचार निर्णायक भूमिका निभाएंगे। जनरल सिंह ने भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारियों के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी जवानों के समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन युद्धकला में आत्मनिर्भरता राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करती है और विषम युद्ध स्थितियों में भारतीय सेना को सामरिक बढ़त दिलाने में सहायक होती है। चेतक कोर द्वारा आयोजित यह प्रदर्शन, सप्त शक्ति कमान की तकनीकी श्रेष्ठता की अटल प्रतिबद्धता का परिचायक है, जो भारत की युद्धक क्षमताओं को नई ऊंचाई देने का कार्य करेगा।