Edited By Shruti Jha, Updated: 13 Jul, 2025 05:51 PM

हैदराबाद, 13 जुलाई 2025 – दक्षिण भारतीय सिनेमा के चर्चित विलेन और दर्जनों भाषाओं में सैकड़ों फिल्मों में अपनी सशक्त भूमिकाओं से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले कोटा श्रीनिवास (Kota Srinivasa Rao) का निधन आज की सुबह उनके जुबली हिल, हैदराबाद स्थित...
साउथ के लोकप्रिय विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन, 83वें जन्मदिन के दो दिन बाद हुआ अंतिम सफ़र
हैदराबाद, 13 जुलाई 2025 – दक्षिण भारतीय सिनेमा के चर्चित विलेन और दर्जनों भाषाओं में सैकड़ों फिल्मों में अपनी सशक्त भूमिकाओं से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले कोटा श्रीनिवास (Kota Srinivasa Rao) का निधन आज की सुबह उनके जुबली हिल, हैदराबाद स्थित आवास पर हुआ। उम्र 83 वर्ष थी, और हाल ही में यानी 10 जुलाई को ही उन्होंने अपना 83वां जन्मदिन मनाया था। लंबे समय से वे बीमार चल रहे थे।
फिल्मी परचम और उपलब्धियां
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कोटा श्रीनिवास ने 1978 में तेलुगु फिल्म Pranam Khareedu से अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की और 40+ वर्षों में 750 से अधिक फिल्मों — तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, हिंदी — में काम किया
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उन्होंने Gaayam, Satruvu, Aha Naa Pellanta!, Bommarillu, S/O Satyamurthy, Rakta Charitra, Sarkar, Kabzaa जैसी फिल्मों में दमदार खलनायक और चरित्र भूमिकाएं निभाईं
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2015 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया और उन्हें नौ नंदी अवार्ड्स से नवाजा गया
राजनीति और सार्वजनिक जीवन
अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलियां
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अभिनेता की अंतिम रस्म आज सुबह हैदराबाद में संपन्न हुई, जिसमें साउथ सुपरस्टार चिरंजीवी, पवन कल्याण, विष्णु मांचू, ब्रह्मानंदम, रवि तेजा, प्रकाश राज, वेंकटेश और राणा दग्गुबती सहित कई दिग्गज कलाकार शामिल हुए ।
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चिरंजीवी ने सोशल मीडिया (X) पर लिखा:
“The news of the passing of legendary actor and multi‑talented personality Sri Kota Srinivasa Rao garu has deeply saddened me… His absence is an irreplaceable loss…”
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी कोटा श्रीनिवास की भूमिका, कला और सेवा को याद करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की ।
विरासत और प्रभाव
कोटा श्रीनिवास की अदाकारी की खासियत यह थी कि वे हर किरदार को अपनी विशेष शैली और आंतरिक ऊर्जा से जीवंत बनाते थे — चाहे वह खलनायक हो, हास्ययुक्त पात्र या भावनात्मक चरित्र ।
उनकी कला ने तेलुगु और अन्य भाषाओं के सिनेमा को समृद्ध किया—उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।