Edited By Sourabh Dubey, Updated: 28 May, 2025 12:34 PM

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागौर प्रवास के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं से 'पंच परिवर्तन' की अवधारणा को अपनाकर समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया।
नागौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागौर प्रवास के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं से 'पंच परिवर्तन' की अवधारणा को अपनाकर समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया। वे यहां चल रहे 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग (प्रथम) को संबोधित कर रहे थे, जिसमें 284 युवा स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।
‘पंच परिवर्तन’ के पांच स्तंभ
शारदा बाल निकेतन में आयोजित इस प्रशिक्षण वर्ग में जोधपुर, जयपुर और चित्तौड़गढ़ प्रांतों के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। अपने संबोधन में भागवत ने नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, सामाजिक समरसता, स्वदेशी भावना और कुटुंब प्रबोधन को ‘पंच परिवर्तन’ के मुख्य आधार बताया। मोहन भागवत बोले “अगर इन मूल्यों को अपनी जीवनचर्या में उतारा जाए, तो समाज में गहरा और टिकाऊ परिवर्तन संभव है।”
संघ के शताब्दी वर्ष की रूपरेखा
भागवत ने बताया कि संघ अपने 100वें वर्ष में किसी बड़े आयोजन की बजाय गांव-ढाणी स्तर तक शाखाओं के माध्यम से समाज में चेतना फैलाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का आचरण और सोच ही समाज के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत
भागवत ने अपने वक्तव्य में बांग्लादेश सहित अन्य देशों में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब समय है कि हिंदू समाज आत्मरक्षा और सामाजिक नेतृत्व की दिशा में संगठित रूप से आगे बढ़े।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, “संघ की विचारधारा में उन लोगों को भी साथ लेकर चलने की भावना है, जो स्वयं को हिंदू नहीं मानते।”
तीन दिवसीय प्रवास के बाद होंगे रवाना
मोहन भागवत नागौर में तीन दिवसीय प्रवास पर थे और बुधवार को रवाना होंगे।