Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 25 Jul, 2025 05:51 PM

जयपुर ज़िले के जमवारामगढ़ थाना क्षेत्र के दीपोला गांव से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। एक पिता ने अपने डेढ़ साल के मासूम बेटे को कथित रूप से 200 फीट गहरे बोरवेल में फेंक दिया। गुरुवार देर रात शुरू हुए 16 घंटे लंबे...
जयपुर ज़िले के जमवारामगढ़ थाना क्षेत्र के दीपोला गांव से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। एक पिता ने अपने डेढ़ साल के मासूम बेटे को कथित रूप से 200 फीट गहरे बोरवेल में फेंक दिया। गुरुवार देर रात शुरू हुए 16 घंटे लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शुक्रवार सुबह 4:30 बजे बच्चे का शव 90 फीट की गहराई से बरामद किया गया।
घटना की शुरुआत और खुलासा
पूरा मामला तब सामने आया जब गुरुवार रात गांव में रहने वाले ललित सैनी के बड़े भाई ने पुलिस को सूचना दी कि ललित ने अपने बेटे को बोरवेल में फेंकने की बात कही है। उसने यह बात फोन पर ससुराल में हो रही बातचीत के दौरान कही थी, जब ससुराल पक्ष ने केस दर्ज कराने की चेतावनी दी।
पुलिस रात को ललित के घर पहुंची, तो वह अपने कमरे में अत्यधिक नशे की हालत में सोता हुआ मिला। पूछताछ में वह बच्चे के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका। पहले उसने कहा कि बच्चे की तबीयत खराब थी और इलाज के लिए हॉस्पिटल गया था, फिर कहा कि उसे दोस्त के घर छोड़ा है। जब पुलिस ने साथ लेकर कई जगह तलाश की तो हर बार उसकी बात झूठी निकली।
सच सामने आने पर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
लगातार भ्रमित करने के बाद जब पुलिस ने सख्ती की, तो ललित ने कबूल किया कि बेटे राम की तबीयत खराब थी, और जब वह उसे गोद में लेकर बैठा था तो शरीर ठंडा हो गया था। उसे मृत समझकर उसने बच्चे को खेत में स्थित पुराने बोरवेल में फेंक दिया।
जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो देखा कि बोरवेल में ताज़ा मिट्टी और घास डाले गए हैं। इसके आधार पर अनुमान लगाया गया कि बच्चे को वास्तव में यहीं फेंका गया है। तुरंत SDRF और सिविल डिफेंस को सूचना दी गई।
60 सदस्यीय टीम का 16 घंटे लंबा ऑपरेशन
करीब दोपहर 12 बजे से SDRF और सिविल डिफेंस की 60 सदस्यीय टीम ने बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बोरवेल में कैमरा डाला गया, जिसके माध्यम से शाम 4:30 बजे बच्चे का हाथ नजर आया। 90 फीट की गहराई में फंसे मासूम को निकालने के लिए विशेष उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया गया।
आखिरकार, शुक्रवार तड़के 4:30 बजे बच्चे को बाहर निकाला गया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। शव को स्थानीय अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखवाया गया है और पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
क्या हत्या थी या हादसा? पुलिस कर रही जांच
SHO रामपाल शर्मा के मुताबिक, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ललित ने जानबूझकर हत्या की है या बच्चे को मृत समझकर फेंका। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही इस मामले का पूरा सच सामने आ पाएगा। वहीं, जमवारामगढ़ सीओ प्रदीप यादव ने बताया कि पुलिस ललित के बयानों की सत्यता और घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और संभावित तनाव
जानकारी के अनुसार, ललित और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। एक महीने पहले पत्नी तीनों बच्चों को छोड़कर मायके चली गई थी। तब से ललित ही बच्चों की देखरेख कर रहा था। परिजनों ने भी माना कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और शराब की लत से वह परेशान था। ललित और उसके बड़े भाई की शादी एक ही घर की दो बहनों से हुई थी। पारिवारिक कलह और ससुराल पक्ष द्वारा केस दर्ज कराने की धमकी से वह मानसिक तनाव में था।
गांव में पसरा सन्नाटा, जांच जारी
इस घटना के बाद दीपोला गांव में मातम पसर गया। जैसे ही शव निकाला गया, वहां मौजूद ग्रामीणों और परिजनों की आंखें नम हो गईं। फिलहाल पुलिस आरोपी पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है और केस को हत्या या दुर्घटना के नजरिए से जांच रही है।