Edited By Kailash Singh, Updated: 09 Jan, 2025 03:53 PM
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार शेखावाटी क्षेत्र की प्यास बुझाने के लिए यमुना जल समझौते पर निरंतर कार्य कर रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी....
जयपुर, 9 जनवरी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार शेखावाटी क्षेत्र की प्यास बुझाने के लिए यमुना जल समझौते पर निरंतर कार्य कर रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ अहम बैठक की। बैठक में यमुना जल समझौते के प्रभावी क्रियान्वयन तथा भविष्य की दीर्घकालिक योजनाओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ परियोजना की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार करेंगे। डीपीआर तैयार करने में अपर यमुना रिवर बोर्ड भी तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने शेखावाटी क्षेत्र की 30 वर्षों की लम्बित मांग का समाधान करते हुए यमुना जल को राजस्थान लाने के लिए हरियाणा एवं केन्द्र सरकार के साथ 17 फरवरी, 2024 को त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि समझौते के धरातल पर उतरने के बाद प्रथम चरण में राज्य के चुरू, सीकर, झुंझुनूं सहित अन्य क्षेत्रों में पेयजल एवं अन्य आवश्यकताओं हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा। योजना के दूसरे चरण में चुरू जिले में 35 हजार हेक्टेयर एवं झुंझुनूं जिले में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सहित कुल 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नदियों को जोड़ने एवं हर घर जल के मिशन पर जलशक्ति मंत्रालय लगातार कार्य कर रहा है। इसका लाभ राजस्थान की जनता को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना जल समझौता राजस्थान के शेखावाटी अंचल में पर्याप्त जल उपलब्धता की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा एवं क्षेत्र में जल की समस्या के स्थायी समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।