Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 26 May, 2025 08:06 PM

बारां पुलिस ने आज डॉ. वैभव चावला हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा करते हुए दो आरोपियों अशोक कुमार वर्मा पुत्र गोकुल प्रसाद वर्मा (33) निवासी लोढ़ाखेड़ा थाना बकानी जिला झालावाड़ और शंकरलाल बैरवा पुत्र नारायण लाल निवासी बगरू जिला जयपुर ग्रामीण को गिरफ्तार...
जयपुर । बारां पुलिस ने आज डॉ. वैभव चावला हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा करते हुए दो आरोपियों अशोक कुमार वर्मा पुत्र गोकुल प्रसाद वर्मा (33) निवासी लोढ़ाखेड़ा थाना बकानी जिला झालावाड़ और शंकरलाल बैरवा पुत्र नारायण लाल निवासी बगरू जिला जयपुर ग्रामीण को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। दोनों ही आरोपी मृतक डॉ. वैभव चावला के साथ कोयला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कार्यरत थे। यह घटना व्यक्तिगत रंजिश और कार्यस्थल के विवादों का एक वीभत्स परिणाम बनकर सामने आई है।
घटना का विवरण
18 मई, 2025 को कोटड़ी सूंडा गांव के पास पार्वती नदी में एक मोटरसाइकिल, कपड़े और एक मोबाइल फोन लावारिस पड़े होने की सूचना मिली। मौके पर पहुँची पुलिस को पता चला कि यह मोटरसाइकिल सीएचसी कोयला में पदस्थापित डॉ. वैभव चावला की है। तलाशी के दौरान डॉ. चावला का शव पार्वती नदी के एनीकट के पास तैरता हुआ मिला। उनके पिता गोपाल लाल की रिपोर्ट पर थाना बारां सदर में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
हत्या का कारण
जांच में सामने आया कि डॉ. वैभव चावला और अशोक कुमार वर्मा (नर्सिंग ऑफिसर) के बीच पहले इंजेक्शन लगाने को लेकर विवाद हुआ था। बाद में सुलह हुई, लेकिन अशोक वर्मा अक्सर ड्यूटी से गायब रहता या देर से आता था। डॉ. चावला उनकी अनुपस्थिति दर्ज कर देते थे, जिसे अशोक वर्मा बिना अनुमति के काट कर अपने हस्ताक्षर कर देते थे।
इसके चलते डॉ. चावला ने अशोक वर्मा को 4-5 बार कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जिससे अशोक वर्मा उनसे गहरी रंजिश रखने लगे। अशोक ने अपनी यह नाराजगी साथी शंकरलाल बैरवा (हेल्थ सुपरवाइजर) को बताई, और दोनों ने मिलकर डॉ. चावला को 'सबक सिखाने' की ठान ली।
वारदात का तरीका
17 मई, 2025 को डॉ. चावला ड्यूटी के बाद अपनी मोटरसाइकिल से बारां लौट रहे थे। अशोक कुमार वर्मा ने उन्हें गर्मी का बहाना बनाकर ठंडा पीने के लिए रोक लिया। बाद में नदी में नहाने के लिए मना लिया। रास्ते में बीयर खरीदकर कोटड़ी सुंडा पहुंचे। अशोक और शंकर लाल ने डॉ. चावला को ज्यादा शराब पिलाई। इसके बाद, पूर्व नियोजित तरीके से, उन्होंने डॉ. चावला को पानी में डुबो कर मार डाला। डॉ. चावला की मौत के बाद, दोनों आरोपी शव को वहीं छोड़कर पैदल ही जंगल के रास्ते से शाम करीब 7 बजे वापस सीएचसी कोयला आ गए। अगले दिन जब डॉ. चावला के पिता उन्हें तलाश करने सीएचसी आए तो आरोपी उन्हें गुमराह करते रहे।
पर्दाफाश और गिरफ्तारी
डॉ. वैभव चावला की हत्या का खुलासा करने के लिए पुलिस टीम ने कोयला और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और साइबर सेल से तकनीकी सहायता ली। कोटड़ी सूंडा गांव में एक किराने की दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में अशोक कुमार वर्मा और शंकरलाल बैरवा को डॉ. चावला को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए देखा गया। गहन पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
यह घटना कार्यस्थल पर पनपी रंजिश के भयावह परिणामों को दर्शाती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी जांच ने इस जघन्य हत्याकांड का समय पर खुलासा करने में मदद की है। इस सफल खुलासे और आरोपियों की गिरफ्तारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व सीओ बारां ओमेंद्र सिंह शेखावत, एसएचओ सदर हीरालाल पूनिया, प्रभारी साइबर सेल एएसआई जगदीश चंद्र शर्मा, चौकी कोयला पर तैनात एएसआई लक्ष्मी चंद, थाना कोतवाली के हेड कांस्टेबल विनोद कुमार, चौकी कोयला के कांस्टेबल सुशील व राकेश सैनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।